
प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री धामी से की मुलाकात, कई अहम पहलुओ पर हुई चर्चा | Nation One
देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन और चार धाम यात्रा से संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर परिवहन व्यवसाय से जुड़े विभिन्न संगठनो के लोगों ने भी विधानसभा अध्यक्ष के संग मुख्यमंत्री से भेंटकर फूलमाला पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया। अवगत करा दें की 9 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से भेंट कर राज्य के परिवहन एवं पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को राहत पहुंचाने के संबंध में चर्चा वार्ता की थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए परिवहन व्यवसायियों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। भेंटवार्ता के दौरान परिवहन व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष को पौधे भेंटकर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 200 करोड़ के राहत पैकेज से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन, होटल, परिवहन, पोर्टर समेत पर्यटन की अन्य गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों के साथ ही सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि तीर्थाटन एवं पर्यटन उत्तराखंड राज्य की आर्थिक रीढ़ है, इस राहत सहायता से राज्य के लगभग लाखों लोगों को उनके बैंक खाते के माध्यम से सीधे राहत मिल सकेगी।विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के उपरांत दिये जाने वाला अब तक का किसी भी सरकार द्वारा सर्वाधिक राहत पैकेज है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से विभिन्न विषयों पर वार्ता करते हुए विशेषतौर पर उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से प्रारंभ किए जाने की अनुमति के लिए गंभीरता से विचार किये जाने की बात कही।
अग्रवाल ने कहा कि चारधाम के कपाट खुले हुए काफी समय हो चुका है परंतु चारधाम यात्रा की अनुमति न मिलने से जहॉ एक और लाखों श्रद्धालु गण दर्शन से वंचित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर तीर्थाटन से जुड़े लाखों कारोबारियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।