नया खतरा : ब्लैक, वाइट और येलो के बाद सामने आया एक नया फंगल इंफेक्शन | Nation One
देश में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं इसी बीच गुजरात के वड़ोदरा में डॉक्टर्स को इलाज के दौरान एक नए तरह का फंगल इंफेक्शन देखने को मिला है। बता दें कि ब्लैक फंगस की तरह ही एस्परगिलोसिस संक्रमण भी उन लोगों में देखा जा रहा है, जो हाल ही में कोरोना संक्रमण से रिकवर हुए हैं।
बता दें कि एस्परगिलोसिस एक प्रकार के फंगल के कारण होने वाला संक्रमण है। एस्परगिलोसिस से होने वाली बीमारियां आमतौर पर सांस को प्रभावित करती हैं, लेकिन उनके लक्षण अलग-अलग होते हैं। बीमारियों को ट्रिगर करने वाला फंगल एस्परगिलस, घर के अंदर और बाहर हर जगह मौजूद रहता है।
एस्परगिलोसिस लोगों में देखा जा रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है लेकिन, साइनस पल्मोनरी एस्परगिलोसिस, जो अभी कोरोना मरीज़ों में देखा जा रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एस्परगिलोसिस, ब्लैक फंगल संक्रमण जितना घातक नहीं है, लेकिन कई बार जानलेवा हो सकता है।
कोरोना के मरीज़ों को हो रहे कई तरह के फंगल इंफेक्शन के पीछे स्टेरॉयड्स और कमज़ोर इम्यूनिटी प्रमुख कारण बताए गए हैं। इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए साफ पानी इस्तेमाल न किया जाना भी एक कारण बताया गया है।
कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड का ज़्यादा उपयोग ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के पीछे पकारणों में से एक है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को स्टेरॉयड के ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल के प्रति सचेत किया गया है।