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OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी, सख्त हुए नियम | Nation One
केंद्र सरकार ने OTT, न्यूज पोर्टल और सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर ने इन गाइडलाइंस के बारे में जानकारी दी।
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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर कई तरह से गलत जानकारी शेयर की जाती है। जाति-धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने की कोशिश होती है। शिकायत के बाद सोशल मीडिया से 24 घंटे के अंदर कंटेंट को हटाना होगा।
ओटीटी प्लेटफॉर्म बाद में माफी मांगकर सामग्री हटाकर या नीतियां बदलकर बचते रहे हैं, लेकिन अब इन्हें सरकारी गाइडलाइन मानने पड़ेगी। इसके अलावा टि्वटर विवाद से नाराज सरकार अब सोशल मीडिया कंपनियों को नियंत्रण में रखने के लिए भी नए नियम लाने की तैयारी कर रही है। अब ऐसा मुमकिन है कि सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म पर कोई फर्जी संदेश किसने और कब चलाया, सरकार ये जान सकेगी।
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सोशल मीडिया, ओटीटी और न्यूज वेबसाइट के लिए नए नियमों के बारे में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर घोषणा करेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के नोटिस के 72 घंटे के अंदर उसपर कार्रवाई करनी होगी। इसके साथ ही टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और चीफ कंपलायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी।
सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस
- सोशल मीडिया समेत बाकी इंटरमीडियरीज को अपने यूजर्स खासकर महिलाओं की ऑनलाइन सुरक्षा और गरिमा का ध्यान रखना होगा। किसी की प्राइवेसी खत्म करने वाला कंटेंट, उसका पूरा शरीर या कुछ हिस्सा न्यूड दिखाने वाला या सेक्सुअल एक्टिविटी करते हुए या उसकी तस्वीरों से छेड़छाड़ (मॉर्फ्ड इमेज) वाला कंटेंट शिकायत मिलने के 24 घंटे में हटाना पड़ेगा। इसकी शिकायत खुद इंडिविजुअल या फिर उसकी तरफ से कोई और भी कर सकता है।
- सोशल मीडिया यूजर्स करोड़ों की तादाद में हैं। सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर इन यूजर्स को अपनी शिकायत के निपटारे के लिए एक फोरम मिले।अगर कोई अदालत या सरकारी संस्था किसी आपत्तिजनक, शरारती ट्वीट या मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी मांगती है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये जानकारी देनी होगी।
- ये व्यवस्था भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा से जुड़े मामलों, सामाजिक व्यवस्था, दूसरे देशों से रिश्तों, रेप और यौन शोषण जैसे मामलों में लागू होगी।
- हम बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यूजर्स के आंकड़े बताएंगे। इन प्लेटफॉर्म को शिकायतों के निपटारे के लिए मैकेनिज्म बनाना होगा। एक अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और इसका नाम भी बताना होगा।
- इस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी और इसका निपटारा 15 दिन के भीतर करना होगा।
- यूजर के सम्मान खासतौर पर महिलाओं के सिलसिले में, अगर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर कंटेंट हटाना होगा।
- इन कंपनियों को हर महीने एक रिपोर्ट देनी होगी कि कितनी शिकायतें आईं और उन पर क्या कार्रवाई की गई।
- अगर किसी सोशल मीडिया यूजर के कंटेंट को हटाना है तो उसे ऐसा करने की वजह बतानी होगी और उनका पक्ष भी सुनना होगा।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में यूजर के रजिस्ट्रेशन के लिए वॉलेंटरी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म होना चाहिए।
OTT और डिजिटल न्यूज के लिए गाइडलाइन
- OTT और डिजिटल न्यूज के लिए 3 फेज का मैकेनिज्म होगा। इन सभी को अपनी जानकारियां देनी होंगी। रजिस्ट्रेशन की बाध्यता नहीं है, लेकिन जानकारी जरूर देनी होगी।
- शिकायतों के निपटारे के लिए सिस्टम बनाया जाए। इन्हें सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी। इसे सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज या फिर इसी कद का कोई व्यक्ति लीड करेगा।
- अगर किसी मामले में तुरंत एक्शन लिए जाने की जरूरत है, तो इसके लिए सरकार के स्तर पर एक व्यवस्था बनाई जाएगी, जो इस तरह के मामलों को देख सके।
- फिल्मों की तरह ही OTT प्लेटफॉर्म को भी प्रोग्राम कोड फॉलो करना होगा। कंटेंट के बारे में उम्र के लिहाज से क्लासिफिकेशन करना होगा यानी कौन सा कंटेंट किस एज ग्रुप के लिहाज से सही है। इसे 13+, 16+ और A कैटेगरी में बांटा जाएगा।
- पैरेंटल लॉक यानी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए ऐसे कंटेंट को ब्लॉक कर सकें, जो ठीक नहीं है।