सीताराम परियोजना का काम शीघ्र पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री केसीआर ने दिए निर्देश | Nation One
खम्मम जिले को हराभरा बनाने के लिए सीताराम परियोजना के काम शीघ्र पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री केसीआर ने निर्देश दिया। सीएम ने कहा कि नई आयकट्टु (सिंचित क्षेत्र) बनाने के अलावा, नागार्जुन सागर आयकट्टु (सिंचित क्षेत्र) को भी मिलाकर दस लाख एकड़ क्षेत्र को सिंचित करनेवाली इस परियोजना को सबसे महत्वपूर्ण माना जाना चाहिए। मुख्यमंत्री केसीआर ने प्रगति भवन में सीताराम परियोजना की निर्माण के सम्बन्ध में समीक्षा की।
मंत्री पुव्वाडा अजय कुमार, वेमुला प्रशांत रेड्डी, सरकार के मुख्य सचिव सोमेश कुमार, सिंचाई विभाग के मुख्य सचिव रजत कुमार, वित्त विभाग के मुख्य सचिव रामकृष्ण राव, सीएम के सचिव स्मिता सभरवाल, ईएनसी(इंजीनियर इन चीफ) मुरलीधर राव, हरेराम, सीईओ(चीफ इंजीनियर) वेंकट कृष्ण, शंकर नायक, मधु सूदन राव , एस.ई. श्रीनिवासारेड्डी, विधायक कंदाला उपेंद्र रेड्डी, हरिप्रिया, संड्रा वेंकट वीरैया और अन्य ने इस समीक्षा में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा “सरकार ने गोदावरी और कृष्णा नदियों के बीच खम्मम जिले को पुनर्जीवित करने के लिए सीतारमा उद्वहन सिंचाई योजना को मंजूरी दी है। दुम्मुगुडेम के पॉइंट पर गोदावरी नदी में वर्ष भर पर्याप्त पानी उपलब्ध होती हैं। खम्मम जिले को अब इस पानी के माध्यम से पानी की उपलब्धता होगी। दुम्मुगुडेम से पानी उद्वहन कर इल्लंदु, सत्तुपल्ली और पलेरू जलाशयों को लिफ्टें और नहरों के द्वारा स्थानांतरित करने के लिए अधिकारियों को कहा गया।
सत्तुपल्ली और इल्लंदु की ओर जाने वाली नहरों से संबंधित शेष कार्यों का सर्वेक्षण तुरंत पूरा किया जाना चाहिए और निविदाओं को बुलाया जाना चाहिए। मुन्नेरू और अकरू धाराओं पर अकविडेक्टों का निर्माण किया जाना चाहिए और पलेरू जलाशय तक नहरों का निर्माण जून तक पूरा करना चाहिए। कृष्णा नदी में पानी कब रहगे या कब नहीं रहेगी, यह पता नहीं है। सब कुछ अनिश्चित है। कृष्णा नदी में पानी नहीं होने पर गोदावरी से नागार्जुन सागर के लिए पानी स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जानी चाहिए”।