राजस्थान में गुर्जर आंदोलन से ट्रेन सेवा बाधित, मुंबई ट्रैक पर फिश प्लेंटें उखाड़ीं | Nation One

नई दिल्ली : सरकार और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच किसी प्रकार की सकारात्मक बातचीत नहीं होने के कारण गुर्जरों का आंदोलन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. आंदोलन के दौरान गुर्जर समाज के लोग बड़ी संख्या में पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे दिखे और कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाया. दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की फिश प्लेटें उखाड़ दीं.

वहीं, भरतपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर और जयपुर जिले की कई तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. इधर, गुर्जर आंदोलन का असर रेल सेवाओं पर पड़ा है. 40 मालगाड़ियों सहित 60 ट्रेनें डायवर्ट करनी पड़ीं. दो ट्रेनें रद की गई हैं तो कुछ के मार्ग बदले गए हैं. 2 नवंबर को 02401 कोटा-देहरादून स्पेशल ट्रेन को रद्द कर दिया गया है.

इसी तरह 02059/02060 कोटा-हजरत निजामुद्दीन-कोटा स्पेशल ट्रेन भी आज के लिए रद्द है. साथ ही कई ट्रेनों का रूट बदला गया है. रविवार को भी रेलवे ने तत्काल प्रभाव से सात ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया था. इन्हें अब हिंडौन सिटी बयाना रेल मार्ग से भेजा जा रहा है.

प्रदर्शनकारियों ने राजस्थान के भरतपुर में रेल पटरियों पर कब्जा कर लिया. राजस्थान में नगर निगम चुनाव के बीच भड़के गुर्जर आंदोलन ने अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इससे पहले खबर आई थी कि 14 सूत्रीय मांगों को लेकर गुर्जर समाज में दो फाड़ हो गई है.

एक वर्ग सरकार की बात मानने को राजी हो गया था लेकिन, दूसरे ने पीलूपुरा में विरोध शुरू कर दिया. कहा जा रहा है कि आंदोलन के अगुवा किरोड़ी बैंसला के निर्देश पर आंदोलन हो रहा है. हालांकि, बैंसला के हवाले से कहा जा रहा है कि उन्होंने आंदोलन शुरू करने की अनुमति नहीं दी है.

राजस्थान विधानसभा में भी गुर्जर आरक्षण आंदोलन का मसला उठाया गया. सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार से इस पर जवाब देने की मांग की. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति ने गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत की है फिर भी गुर्जर आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों को जाम कर रखा है.राठौड़ ने कहा कि आंदोलन के चलते कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और रेल और सड़क यातायात को भी बंद किया गया है. राज्य सरकार को इस मुद्दे पर सदन को सूचित करना चाहिए.

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सरकार से केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को ‘निष्प्रभावी’ करने के लिए पेश तीन संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद जवाब देने को कहा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, ‘कानून को हाथ में लेना ठीक नहीं है. मेरा उनसे (आंदोलनकारियों से) कहना है कि बातचीत के जरिए जब समस्या का समाधान हो सकता है तो आकर बात करनी चाहिए, पटरी उखाड़ने से… देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से काम नहीं चलेगा.’

राजस्थान विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में शर्मा ने कहा कि आरक्षण देने का काम भी हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है. उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ा मुद्दा तो आरक्षण का ही था उसका तो समाधान हो गया. अब कोई छोटी मोटी समस्या है अगर तो बैठ कर उसका भी समाधान निकाला जा सकता है.

इससे पूर्व विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्यमंत्री बीडी कल्ला ने कहा, ‘सरकार ने जो मांगें संविधान सम्मत हैं वे मान ली हैं. उनको वार्ता करके आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके समाप्त करना चाहिए.’ पुलिस के अनुसार बड़ी संख्या में युवा आंदोलनकारी भरतपुर के बयाना में रेलवे ट्रैक पर जमे हुए हैं और उन्होंने रेलवे ट्रैक को भी नुकसान पहुंचाया है.

सरकार को बात करनी है तो रेलवे ट्रैक पर आए बात करने

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘इस बार हमारा प्रतिनिधिमंडल सरकार के साथ बातचीत करने के लिए कहीं नहीं जाएगा. अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वे रेलवे ट्रैक पर आकर हमसे मिल सकती है.’ वहीं गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, ‘जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. सरकार को हमारी मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करना चाहिए.’