बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र ने वीडियो जारी कर खुद को बेगुनाह बताया | Nation One

बलिया: यूपी के बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपना वीडियो जारी कर खुद को बेगुनाह बताया है. उसने कहा कि गोली उसने नहीं, बल्कि उसके विरोधियों ने चलाई थी. वहीं, मामले में पुलिस ने भाजपा नेता के भाई समेत दो लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है जबकि, मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. पांच अन्यो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इस बीच, मुख्यि आरोपी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

धीरेंद्र ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शुक्रवार को जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया है. उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा कि उसने आवंटन के लिए बैठक शुरू होते ही उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों से बवाल होने की संभावना जताई थी लेकिन, उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया गया. धीरेंद्र ने कहा कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय वृद्ध पिता व भाभी पर हमला किया गया.

उसने दावा किया कि इस घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की मौत हो गई है तथा एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है. घटना में उसके पक्ष के 8 से अधिक लोग घायल हुए हैं. धीरेंद्र ने कहा है कि उसे जानकारी नहीं है कि जयप्रकाश पाल गामा की मौत किसकी गोली लगने से हुई है? साथ ही प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही. धीरेंद्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की सही जांच व न्याय की मांग की है.

अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार को एक आरोपी देवेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. इसके पूर्व पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू के भाई नरेन्द्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था. इस तरह पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. अपर पुलिस महानिदेशक (वाराणसी) ब्रज भूषण ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी नरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है. नरेन्द्र प्रताप रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू का बड़ा भाई है.

आपको बता दें, जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में तीन उप निरीक्षक सहित नौ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि आरोपियों के असलहा लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी. वहीं, रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि बृहस्पतिवार की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा छह लोग घायल हैं.

अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार यादव ने बताया कि घटना के दौरान मामले में लापरवाही बरतने पर रेवती थाने पर तैनात तीन उप निरीक्षक सूर्य कांत पांडेय, सदानन्द यादव व कमला सिंह यादव तथा छह आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में पहले ही उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल व पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह को निलंबित कर दिया था. अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रेवती थाने में चंद्रमा पाल की शिकायत पर धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू , उसके भाई नरेन्द्र प्रताप सिंह सहित आठ नामजद व 20 से 25 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है.

पुलिस ने फिलहाल पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित कर दबिश दी जा रही है लेकिन, मुख्य आरोपी धीरेंद्र सहित अन्य सभी आरोपी फरार हैं. दूसरी ओर, रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को हुई घटना में मृतक जयप्रकाश पाल उर्फ गामा के भाई तेज प्रताप पाल ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उसने बताया कि घटना के बाद पुलिस की भूमिका बेहद शर्मनाक रही है. उन्होंने दावा किया कि घटनास्थल पर 10 पुलिसकर्मी मौजूद थे, जिसमें दो महिला पुलिसकर्मी भी थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपियों को बचा रही थी और हम लोगों को पीट रही थी. आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह गोली मारकर भाग रहा था तो पुलिस ने उसे पीछे से पकड़ लिया. पाल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप को बंधा पर ले जाकर छोड़ दिया और उसे फरार करा दिया.

अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण व दुखद करार दिया. विधायक ने कहा कि धीरेंद्र प्रताप ने आत्म रक्षा में गोली चलाई है , वरना उसके परिवार व सहयोगी दर्जनों लोग मार दिये गए होते. उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि आत्मरक्षा के लिए असलहा लाइसेंस दिया जाता है. धीरेंद्र प्रताप के समक्ष मरने या मारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया था. भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की जांच की मांग की है.

उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दूसरे पक्ष की छह महिलाएं घायल हुई हैं लेकिन, उनकी पीड़ा कोई नहीं देख रहा है. उधर, घटना पर चिंता जताते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है. उन्होंने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ” उप्र के बलिया में हुई घटना अति-चिन्ताजनक है तथा अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आये दिन हो रहे उत्पीड़न आदि से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था काफी हद तक दम तोड़ चुकी है. सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर होगा. बसपा की यह सलाह है.”
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ” बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है. अब देखें कि क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं.”