
पानीपत में पत्नी को डेढ़ साल तक टायलेट में रखा बंद, बाहर निकाला तो सबसे पहले मांगी रोटी | Nation One
पानीपतः महिलाओं पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन, जिस अमानवीयता की हम बात करने जा रहे हैं वह भी अनोखा ही है. यहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को मानसिक रूप से बीमार बताकर डेढ़ साल तक टायलेट में बंद रखा. जब उसे बाहर निकाला गया तो सिर्फ हड्डियों का ढांचा ही नजर आ रहा था.यही नहीं बाहर निकलते ही महिला ने सबसे पहले रोटी मांगी, जी हां, यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि पानीपत के सनौली के गांव रिशपुर का मामला है. पुलिस ने महिल के पति को गिरफ्तार कर लिया है और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है.
जिला महिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि एक सूचना पर मंगलवार को गांव रिशपुर वासी नरेश के घर पहुंची. पुलिस भी साथ रही. नरेश घर के बाहर दोस्तों के साथ ताश खेलता मिला. पत्नी रामरती के बारे में पूछा तो चुप रहा. सख्ती से पूछने पर वह घर की पहली मंजिल पर ले गया, उस टायलेट का दरवाजा खोल दिया, जिसमें वह बंद थी. महिला के कपड़े गंदगी से लथपथ थे. शरीर हड्डियों का ढांचा बना हुआ था.
बाहर निकलते ही उसने खाने के लिए सबसे पहले रोटी मांगी. सनौली थाना पुलिस ने दबाव बनाया तो नरेश ने ही रामरति को नहलाया. एक महिला ने भी उसकी मदद की. कपड़े बदलवाकर भोजन दिया गया. बंधनमुक्त होने पर उसने पहनने के लिए चूड़ियां और होठों पर लगाने के लिए लिपिस्टक मांगी. टायलेट में बंधक रहने से अब उसकी टांगें भी सीधी नहीं हो पा रही हैं. आरोप है कि 35 वर्षीय रामरति को उसके पति नरेश ने ही करीब डेढ़ साल से टायलेट में बंधक बनाकर रखा हुआ था. बताया जाता है कि, उसे दिन में एक बार खाने के लिए बाहर निकाला जाता था.
इलाज भी नहीं कराया जा रहा था
मौके पर नरेश ने बताया कि करीब 10 साल पहले रामरति के पिता और भाई की मौत हो गई थी, तभी से मानसिक रूप से बीमार रहती है. कहीं चली न जाए किसी को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए टायलेट में बंदकर रखते हैं. इलाज के कागजात मांगे तो तीन साल पुराने दिखाए, यानि उसका इलाज भी नहीं कराया जा रहा था.
पूछने पर महिला ने सबकुछ सही बताया थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपित के खिलाफ धारा 498 ए, 342 के तहत मामला दर्ज कर, उसे गिरफ्तार कर लिया है. रामरति को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है. मानसिक स्थिति के विषय में मेडिकल रिपोर्ट से ही जानकारी मिलेगी. रजनी गुप्ता के मुताबिक रामरति की मानसिक हालत जानने के लिए उससे नाम पूछा तो स्पष्ट बताया. उसने यह भी बताया कि मायका गांव किवाना में है.
भाई व पिता की मौत हो चुकी है, घर में केवल मां जीवित है. पति सहित तीनों बच्चों (दो लड़की, एक लड़का) सहित पड़ोसियों के बच्चों को भी पहचान लिया. महिला को बंधनमुक्त कराने पहुंची टीम ने पड़ोसियों से भी पूछताछ की. कई लोगों ने बताया कि नरेश उसे टायलेट में बंद करके रखता है. कभी कभी मारपीट की आवाजें आती थी. हालांकि, पड़ोसियों ने लिखित बयान देने से इन्कार कर दिया. रामरति के तीनों बच्चों से भी पूछताछ की तो बताया कि मां बीमार रहती है. रजनी गुप्ता ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को भी अवगत करा दिया है ताकि बच्चों की काउंसलिंग हो सके. एसपी मनीषा चौधरी को भी पूरा मामला बताया गया है.