जमुईः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी तेज होती जा रही है. पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के साथ अब दूसरे चरण को लेकर सियासी दलों की ओर से रणनीतिक तैयारी की जा रही है. नामांकन के दौरान भी तमाम ऐसे अतार्किक प्रसंग सामने आ रहे हैं जिनके कारण कई दावेदार नामांकन रद होने के कारण चुनाव से बाहर हो गए हैं.
एक दावेदार का नामांकन तो इसलिए रद कर दिया गया कि, उसने पत्नी की जानकारी नहीं दी. जबकि, उनकी की पत्नी है ही नहीं. उन्होंने अधिकारी से कहा कि कहां से पत्नी ला कर दें या लाएं. चुनाव अभी प्रारम्भ ही हुआ है और प्रत्याशी के सामने अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है.
इस मामले के बारे में झाझा विधानसभा से नामांकन दाखिल करने वाले प्रो. केदार मंडल ने बताया कि आठ अक्टूबर को शाम उन्होंने नामांकन दाखिल किया था जिसे रद कर दिया गया है. इसके पीछे का कारण बिलकुल अतार्किक है. फ़ॉर्म में एक कॉलम है जिसमें पत्नी के बार में जानकारी मांगी गई थी. मैंने उसमें ‘नो’ भरा था.
इसके बाद उसी में आगे पत्नी की आय, संपत्ति का ब्योरा इत्यादि दर्ज करना था, जिसे मैंने खाली छोड़ दिया था. क्योंकि, मैं पहले ही ये घोषित कर चुका था कि मेरी कोई पत्नी नहीं हैं. मेरे फ़ॉर्म को खारिज करने के पीछे का कारण यही बताया जा रहा है कि मैंने अपनी पत्नी के बारे में मांगी गयी विस्तृत जानकारी क्यों नहीं लिखी आठ अक्टूबर को नामांकन की आखरी तारीख थी. नामांकन की प्रक्रिया शाम के चार बजकर तीस मिनट तक चलती रही.
प्रो. केदार ने बताया कि, उस वक्त मुझे एक नोटिस दिया गया जिसमें मुझे मेरे डॉक्युमेंट्स में कुछ खामियों को सही करने के बाबत जानकारी दी गयी थी. शुक्रवार को स्क्रूटिनी थी. आठ अक्टूबर को कोर्ट में चहल्लूम की छुट्टी थी. इस छुट्टी की सूचना बिहार सरकार के कैलेंडर पर भी अंकित है.
उनका कहना है कि, उन्हें कल शाम नोटिस दिया गया और शपथ पत्र शुक्रवार को ग्यारह बजे तक जमा कराना था. कोर्ट के सामने पुलिस की तैनाती के साथ सख्त आदेश था कि ग्यारह बजे के पहले किसी को भी अंदर आने ना दिया जाए. जब वहां के अधिकारी से इस बारे में बात की गयी तो उनका जवाब था की हमें सिर्फ अपने ऑफिस तक से ही मतलब है. बाहर, आपको कौन आने दे रहा है कौन नहीं, ये हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने कहा कि ये घटना सिर्फ मेरे साथ ही नहीं बल्कि बारह और लोगों का नामांकन ऐसे ही सामान्य कारण से रद किए गए हैं.
एलजेपी प्रत्याशी रानी कुमारी का नामांकन रद्द, मचा बवाल
इधर मखदुमपुर विधानसभा में एलजेपी प्रत्याशी रानी कुमारी समेत नौ उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए जाने पर बवाल मच गया. सूचना के बाद पार्टी कार्यकर्ता कार्यालय के पास जमा होकर इसका विरोध करने लगे और नामांकन रद्द होने वाले प्रत्याशियों ने आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर हंगामा भी कियाय बाद में एलजेपी उम्मीदवार रानी कुमारी ने जिला निर्वाची पदाधिकारी से मिलकर अपने नामांकन रद्द किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठायाय जिला निर्वाची पदाधिकारी नवीन कुमार ने उनके पक्ष को सुना और उनसे अपनी बात चुनाव आयोग को आवेदन के माध्यम से देने को कहा.
उन्होंने कहा कि यहां निर्वाची पदाधिकारी ने आयोग के गाइड लाइन के तहत सबकुछ किया है, फिर भी उनके आवेदन को सुनवाई के लिए चुनाव आयोग के पास भेजने को कहा. डीएम ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच में आयोग के गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया गया है.