छत्तीसगढ़ में भी बापू ने सत्य-अहिंसा और समरसता की अलख जगायी : भूपेश बघेल | Nation One
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा है कि गांधीजी के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए ग्राम स्वराज के लक्ष्य को साधने के लिए हमने सुराजी गांव योजना शुरू की है और नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को नये रूप में विकसित करने का काम कर रहे हैं। सुराजी गांव योजना के तहत हमने लगभग 11 हजार पंचायतों में गौठान बनाने का लक्ष्य रखा है। इनमें लगभग 5 हजार 400 गौठान बनाए जा चुके हैं।
इन गौठानों को हम आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में सुराजी गांव योजना एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्य को और आगे बढ़ाते हुए हरेली के दिन से गोधन न्याय योजना की शुरूआत की है। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों और ग्रामीणों से गोबर क्रय किए जा रहे हैं। अब तक पशुपालकों और ग्रामीणों को 21 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना और सार्वभौम पीडीएस से हमने तय किया है कि न कोई भूखे पेट सोने को मजबूर हो और न ही पोषण युक्त आहार से वंचित रहे। हमने कुपोषण के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान किया है जो गांधीवादी सत्याग्रह की राह पर चलेगी। गांधी जी ने सबकी अच्छी सेहत के लिए कई प्रयोग किए इसलिए हमने सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिता दी है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेंगे। महात्मा गांधी की करूणा, छत्तीसगढ़ सरकार का मूलमंत्र है।
मुख्यमंत्री बघेल ने महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान छत्तीसगढ़ में उनके कंडेल आने की खबर ने ही किसानों को जीत दिला दी। छत्तीसगढ़ में अछूतोद्धार यात्रा के लिए गांधीजी का छत्तीसगढ़ आना और गंजडबरी के सतनामी आश्रम, रायपुर के जैतूसाव मठ में गांधी जी द्वारा की गई सभा, बिलासपुर के बैतलपुर के कुष्ठ आश्रम में महात्मा गांधी की यादें आज भी जीवंत हैं।
गांधीजी के छत्तीसगढ़ आगमन ने महिलाओं, विद्यार्थियों, सफाई कर्मचारियों सहित सभी नागरिकों को देश प्रेम के नये जोश और ऊर्जा से भर दिया और प्रदेश में सत्य-अहिंसा, समरसता और सांप्रदायिक सद्भाव की अलख जगायी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम सब मिलकर गांधीजी के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे और उनके पदचिन्हों पर चलते हुए ‘नया छत्तीसगढ़‘ गढ़ेंगे।