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2000 के नोटबंदी को लेकर कतई न हों भ्रमित, खूब चलाएं,nation one
सुशील खरे, नई दिल्ली: अगर आपके पास दो-दो हजार के नोट रखे हैं तो इसे लेकर कतई भ्रमित न हों. नोट चलन में हैं और फिलहाल बंद भी नहीं किए जा रहे हैं. हां, यह बात जरूर है कि, इस नोट की छपाई कम कर दी है. सरकार भी इस बात को मान रही है कि दो हजा के बैंक नोटों की छपाई बंद करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
दो हजार रुपए के नोट को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं. कभी कहा जाता है कि सरकार इस नोट को बंद करने जा रही है, तो कभी खबर आती है कि सरकार ने 2000 रुपए के नोट की छपाई बंद कर दी है. पिछले साल भी सोशल मीडिया और यूट्यूब पर भी नोट बंदी को लेकर बहुत तेजी से मैसेज वायरल हुए थे. वायरल मैसेज में कहा गया था कि, भारतीय रिजर्व बैंक 31 दिसंबर, 2019 से अभी प्रचलन में चल रहे दो हजार रुपये के नोट को बंद करने जा रही है और इसकी जगह एक जनवरी 2020 एक हजार रुपये का नया नोट जारी किया जाएगा. इसके साथ ही 31 दिसंबर के बाद आप अपने दो हजार रुपये के नोट को बदल नहीं पाएंगे. केवल 50 हजार रुपये तक की राशि वाले दो हजार रुपये के नोट बदल सकेंगे.
फिलहाल, नोट बंद करने का विचार नहीं
बहरहाल, अब फिर उड़ रही इस तरह की अफवाहों पर विराम लगाते हुए सरकार ने इस मुद्दे पर आधिकारिकतौर पर अपना पक्ष रख दिया है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दिए बताया गया है कि अभी 2000 रुपए का नोट बंद करने को लेकर कोई विचार नहीं हो रहा है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, सरकार किसी भी नोट की छपाई की मात्रा के बारे में आरबीआई से परामर्श के बाद ही फैसला लेती है ताकि, जनता की लेनदेन की मांग को सुविधाजनक बनाया जा सके.
आरबीआई ने बंद कर थी छपाई
आपको बता दें, आरबीआई ने अक्टूबर, 2019 में ही दो हजार रुपये के नोटों की छपाई को बंद कर दिया था. इसके बाद से ही ये अफवाह उड़ने लगी थी, कि सरकार इन नोटों के प्रचलन को पूरी तरह से बंद कर देगी. इसके बाद पांच दिसंबर को केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह खबर पूरी तरह से फर्जी है, कि आरबीआई दो हजार रुपये के नोटों का प्रचलन बंद करने जा रही है. वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी लोकसभा में इस बात को स्पष्ट किया है कि, वर्ष 2019-20 और 2020-21 के दौरान 2000 रुपए के नोटों की छपाई के लिए किसी भी नोट प्रेस को अलग से निर्देश नहीं दिए गए हैं.
छपाई का काम अब चरणबद्ध तरीके से होगा शुरू
लोकसभा में बताया गया कि, 31 मार्च 2020 तक 2,000 रुपए के कुल 273.98 करोड़ प्रचलन में थे, जबकि 31 मार्च 2019 तक इनकी संख्या 329.10 करोड़ थी. विभिन्न मूल्यवर्ग के नोटों की मुद्रण प्रक्रिया पर कोरोना महामारी के प्रभाव के बारे में अनुराग ठाकुर ने कहा कि आरबीआई से मिली जानाकारी के अनुसार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण नोटों की छपाई पर असर पड़ा है.नोट छापने का काम केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया जा रहा है.
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, प्रचलन में कुल मुद्राओं में 2,000 के नोट का हिस्सा मार्च, 2020 के अंत तक घटकर 2.4 प्रतिशत रह गया. यह मार्च, 2019 के अंत तक तीन प्रतिशत तथा मार्च, 2018 के अंत तक 3.3 प्रतिशत था.