विवादित नक्शे के कारण अपने ही घर में घिर गई ओली सरकार,nation one
महराजगंजः भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख व लिंपियाधुरा को नेपाल में दर्शाने वाले नए नक्शे को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय पर नेपाल की ओली सरकार अपने ही देश में घिर गई है. नेपाल के मधेशी नेताओं ने पीएम केपी शर्मा ओली इस निर्णय को तनाव बढ़ाने वाला कदम बताया है.
इधर, नेपाल के पूर्व गृह राज्यमंत्री व नवलपरासी के सांसद देवेंद्र राज कंडेल ने कहा कि नेपाल सरकार द्वारा उठया गया यह कदम दोनों देशों के बीच जारी मतभेदों को और गहरा करेगा। सांस्कृतिक व धार्मिक आधार पर हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. कोई भी कदम दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व को आपसी समन्वय के बाद ही उठाना चाहिए. नेपाल के कम्युनिष्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कृषि विकास राज्यमंत्री गुलजारी यादव ने कहा कि नेपाल सरकार का यह कदम बच्चों को दिग्भ्रमित करने वाला है. अबोध बच्चों को भारत के खिलाफ बरगलाने की योजना बनाई गई है. यह किसी भी दशा में उचित नहीं है.
विधायक बोले, बच्चों को स्लो प्वाइजन देने जैसा है पाठयक्रम में बदलाव
नेपाल के भैरहवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक संतोष पांडेय ने कहा कि नेपाल का आर्थिक ढांचा चरमरा गया है. कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. जनसमस्याओं के समाधान में नेपाल सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है. मूल मुद्दे से लोगों को भटकाने के लिए सरकार ऊल जलूल हरकत कर रही है. नए नक्शे को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय बच्चों को स्लो प्वाइजन देने जैसा है.
नए विवाद का यह है कारण
नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने नेपाली भूभाग और संपूर्ण सीमा स्वाध्याय सामग्री नामक पुस्तक जारी की है. जिसका अनावरण शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने किया है. पुस्तक में कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख समेत 542 वर्ग किमी भारतीय भूभाग को नेपाल अपना बता रहा है. शिक्षा मंत्री द्वारा स्वाध्याय सामग्री नामक जिस पुस्तक का विमोचन किया गया है, उसमें 147641.28 वर्ग किमी. नेपाल का कुल क्षेत्रफल दर्शाया गया है लेकिन, पहले के नक्शे में नेपाल का कुल वास्तविक क्षेत्रफल 147181 है. नेपाल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस सत्र के लिए किताबों का वितरण कर दिया गया है. ऐसे में अगले सत्र से प्रकाशित होने वाली पाठय पुस्तकों में इसे शामिल किया जाएगा.