देशभर में विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा, एक बात हमें ध्यान रखनी होगी कि अपना कल्याण खुद तय नहीं कर सकते है। इसके लिए वैधानिक संस्था है। छात्र अभी इस योग्य नहीं है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आगे सुनवाई करते हुए कहा कि सरकारें बस दो ही काम कर सकती हैं अव्वल तो इम्तहान कराने में खुद को अक्षम बताते हुए हाथ खड़े कर दें या फिर पिछली परीक्षा के नतीजे के आधार पर रिजल्ट घोषित कर दें।