बरसात के बाद प्रारम्भ हो जाएगा केदारनाथ में आपदा की भेंट चढे कुण्डों का पुनर्निर्माण : सतपाल महाराज | Nation One
देहरादून। भगवान केदारनाथ जी का अभिषेक पूर्व की भांति अमृत कुंड(अग्निकुंड) के जल से होगा। यह बात उत्तराखंड के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कही है।
सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ स्थित हमारे पारम्परिक और धार्मिक महत्व के अग्नि कुंड(अमृत कुंड), हंस, उद्त और रेतस कुंड 2013 की त्रासदी में दब गए थे। इन सभी का पुनर्निर्माण बरसात समाप्त होते ही प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पूर्व में जब केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल को इस बारे में बताया गया था तो उन्होंने शीघ्रता दिखाते हुए अनापत्ति देने के साथ-साथ इन सभी कुंडों के पुर्ननिर्माण के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी थी लेकिन, कोविड-19 के चलते लॉक डाउन की वजह से और फिर अब बरसात के मौसम के कारण इन कुंडों का निर्माण नहीं हो पाया। जैसे ही बरसात खत्म होगी उसके तुरन्त बाद इन सभी की पुनर्निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।कार्यदायी संस्था एएएसआई ने इसकी तैयारी कर ली हैं।
उन्होने कहा कि अमृत कुंड के निर्माण के पश्चात शीघ्र ही उसके जल से भगवान श्री केदारनाथ जी का अभिषेक किया जायेगा। सतपाल महाराज ने यह भी बताया कि देहरादून स्थित आईएचएम को भी सेंट्रलाइज करने की प्रक्रिया गतिमान है।
महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से आग्रह किया है कि महाभारत सर्किट को प्रसाद योजना में रखा जाए और जहां-जहां पांडव गए थे, उत्तराखंड का वह पूरा स्थान महाभारत सर्किट के अंतर्गत शामिल किया जाए। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन ने लाखामंडल से लेकर केदारनाथ तक का क्षेत्र महाभारत सर्किट के अंतर्गत शामिल किया है।
प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि यदि सर्किट निर्माण हेतु उन्हें धनराशि मिलती है तो वह मोटर कैरावान (टायरों के ऊपर चलता-फिरता कैम्प) के माध्यम से पर्यटकों को पूरा सर्किट घुमाने का इंतजाम कर सकते हैं।