मुख्यमंत्री बघेल ने लॉकडाउन में जनता से मिल रहे सहयोग की प्रशंसा की | Nation One
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश की जनता को संम्बोधित करते हुए कहा कि तीन हफ्ते के लॉकडाउन का पहला हफ्ता आज पूरा हो गया। इन सात दिनों में आपने जो संयम, आत्मविश्वास और जागरूकता दिखायी है, इन सबके लिए मैं आपका आभारी हूँ। यह लड़ाई जनता के सहयोग से ही लड़ी जा रही है। जनता के संयम, अनुशासन और आत्मबल के सहारे ही हम कोरोना वायरस महामारी को परास्त करेंगे। कोरोनो वायरस के रोकथाम की लड़ाई लड़ रहे विश्वभर के एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए रखना और लॉकडाउन ही कोरोना वायरस महामारी से बचने का गुरू मंत्र है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि अधिकांश लोगों के जीवन में इस तरह के संकट का सामना करने का यह पहला अवसर है, ऐसे समय थकान, नकारात्मकता और अविश्वास का भाव आना स्वाभाविक है। किंतु यही समय हमारे आत्मबल, संयम और विश्वास की परीक्षा का भी है। मैं भाग्यशाली हूँ कि मैं एक ऐसे राज्य का मुख्यमंत्री हूँ, जहाँ की जनता में इतना संयम और अनुशासन है कि राज्य में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए हमारी पुलिस को बल प्रयोग का सहारा नहीं लेना पड़ा। लोगों ने हमारी बात को सुना है और अति आवश्यक होने पर ही घर से निकले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता का यह संयम और अनुशासन मुझे भी शक्ति प्रदान कर रहा है। मेरा विश्वास प्रबल कर रहा है कि इस महामारी को जल्दी ही परास्त कर हम फिर से खुली हवा में स्वच्छंदता से विचरण करेंगे। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि लॉकडाउन के इस समय का उपयोग रचनात्मक कार्यों में लगाएं। अच्छी पुस्तकें पढ़े, परिवार के वरिष्ठजनों के जीवन के अनुभवों को सुने, इस दौरान कोई नई चीज सींखे। उन्होंने कहा कि यह समय सामाजिक दायित्व भी निभाने का है, अगर आपके आसपास कोई वृद्धजन हो तो उनसे दूरभाष पर चर्चा करें, उन्हें किसी किस्म की आवश्यकता हो तो उसके बारे में पूछे और उनकी मदद करें। यह समय मानव मूल्यों और संस्कारों को बचाने का भी है और इसके संरक्षण का भी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में यह भी ध्यान रखना है कि अगर आपके आसपास कोई गरीब, जरूरतमंद परिवार है और उसको खाने-पीने या अन्य किसी तरह की समस्या है तो हम स्वयं उसकी मदद करें या स्वयंसेवी संस्था या सरकार की हेल्पलाईन से मदद लें। यह समय एक दूसरे की मदद करने का है। राज्य सरकार के सभी महकमे आपकी सेवा के लिए तत्पर है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि संकट की इस घड़ी में हम छत्तीसगढ़ में किसी को भूखा नहीं सोने देंगे। छत्तीसगढ़ में जो श्रमिक या कामगार बाहर से आये हैं और यहाँ के विकास में, निर्माण में लगे हैं उन्हें अपने घर जाने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे सभी श्रमिक और कामगार हमारे मेहमान हैं, राज्य सरकार उनके खाने-पीने और रहने का पूरा प्रबंध कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जो श्रमिक भाई-बहन तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश या अन्य राज्यों में हैं उनसे भी मेरा आग्रह हैं कि वो वहीं रहे। वहां की राज्य सरकारों से हमारी चर्चा लगातार हो रही हैं। वो आपके रहने, खाने-पीने का सभी प्रबंध कर रहे हैं। यहाँ रह रहे परिवारजनों के लिए भी आपको चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हम उनका भी ख्याल रख रहे हैं। हम किसी का रोजगार किसी की नौकरी नहीं जाने देंगे। मैंने नियोक्ताओं से भी आग्रह किया है कि वे इस संकट के समय में अपने कर्मचारियों, श्रमिकों का पूरा वेतन देते रहे। मकान मालिकों को भी निर्देशित किया गया है कि किरायेदारों के साथ सहानुभूति रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज सब्जी मंडी का निरीक्षण किया और किसानों से, सब्जी विक्रेताओं से चर्चा की है। सब्जियों की आपूर्ति की निरंतरता को बनाये रखने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए अब एम्स के अलावा जगदलपुर में भी टेस्ट की सभी व्यवस्था कर दी गई है। कोरोनो वायरस के रोकथाम की लड़ाई लड़ रहे विश्वभर के एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए रखना और लॉक डाउन ही कोरोना वायरस महामारी से बचने का गुरू मंत्र है। आप इन दो चीजों का पालन कीजिए। कोरोना आपको छू भी नहीं पायेगा।