क्यों लगाई जा रही है अमेरिका से भारत आने वाले पेपरों पर रोक?
भारत सरकार ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले विभिन्न तरह के पेपर रोल पर रोक लगाई है, इस रोक से अब भारत के पेपर कारोबारियों को दिक्कत हो रही है और इन पेपर कारोबारियों को अब अपना कारोबार बंद करना पड़ रहा है।
पेपर कारोबारियों का कहना है कि सरकार उन पेपर कारोबारियों के साथ-साथ उन छात्रों के परिवारों पर भी बोझ डाल रही है क्योंकि अभी अगर परिजन अपने बच्चों को कॉपी दिलाते है तो कोई भी कॉपी 20 रुपये से कम नही पड़ती है, अगर अमेरिका के पेपर से कॉपी बनती है तो उस की क़ीमत आज की कीमत से भी कम पड़ेगी तो छात्रों के परिजनों को कम पैसे में कॉपी मिल सकती है और चाइना के पेपर से सस्ता पेपर है।
ये और बढ़िया कुवालटी के साथ और अमेरिका से आने वाले पेपर पर 11% शुल्क भी सरकार को मिलता है पर चीन से आने वाले पेपर पर 7%का शुल्क मिलता है सरकार को तो सरकार को फायदा भी है और लोगो को पेपर, कॉपी और पिरन्तर पेपर भी सस्ता भी है।
सरकार ने अमेरिका के पेपर पर रोक लगा कर पेपर कारोबार को बंद करने की कोशिश को हम नहीं होने देंगे और स्मॉल स्केल पेपर कनवर्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कारोबारीयो ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि वे तुगलकी फरमान का पुरज़ोर विरोध करते है और इनके सदस्य और सभी कारोबारी इसके खिलाफ धरना भी देगे अगर सरकार हमारी मांगो को नहीं मानेगी ।
नेशन वन से राजीव तिवारी की रिपोर्ट