राज्य सरकार पर कृषि विश्वविद्यालय की उपेक्षा का आरोप…. पढ़े पूरी खबर
देश को हरितक्रांति देने वाला कृषि विश्विद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। एक बार फिर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग जोर शोर से उठने लगी है। विश्विद्यालय के शिक्षक एसोसिएशन व कर्मचारी ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
इस दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि मौजूदा सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय को सही ढंग से संचालित नही किया जा रहा है। आलम ये है कि विश्वविद्यालय की साख लगातार नीचे गिर रही है। सरकार से बजट ना मिलने के चलते शोध कार्यो में काफी दिक्कतें आ रही है। विश्वविद्यालय की हालत ये हो गयी है कि कुछ नया निर्माण या शोध कार्यो में जरूरत के यंत्रों को भी खरीदने के लिए बजट का अभाव आड़े आ रहा है। जिस कारण वैज्ञानिकों के साथ साथ छात्रो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय के वार्षिक बजट 240 करोड़ है लेकिन राज्य द्वारा इसके एवज में 180 करोड़ का ही बजट विश्विद्यालय को दिया जा रहा है। इससे पहले भी पंतनगर कृषि विश्विद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग उठ चूकि है। वही पूटा अध्यक्ष डॉ रोहिताश और जनार्धन सिंह अध्यक्ष कर्मचारी ट्रेड़ यूनियन सयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि विश्विद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए शिक्षकगण ओर कर्मचारी हस्ताक्षर अभियान चल रहे है। उन्होंने बताया कि वह राज्य व केंद्र के 10 हजार गणमान्य लोगों के हस्ताक्षर कर भारत सरकार और राज्य सरकार को उसकी प्रतिलिपि सौप कर केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग करेंगे।