
दिल्ली चुनावों के बाद हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की सम्भावना
इस बार के हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2009 के विधानसभा चुनाव की पुनरावृति जैसे थे और इस बार बनी सरकार 1996 की स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल सरकार की तरह है। जो कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी और बीच में ही अपने ही बोझ से गिर गई थी। हम यह भी कह सकते हैं कि हरियाणा में लगातार खूब विकास हुआ है परंतु यहां राजनीति में गिरावट भी खूब आई है।
हरियाणा की मनोहर सरकार के हालात ठीक नहीं है। बहुत कुछ ऐसा देखा जा रहा है जो यह संकेत दे रहा है कि एक ही मंच पर विराजमान कई सत्तारूढ़ नेताओं को अपने पराए और पराए अपने नजर आने लगे हैं। बताया जा रहा है कि ऐसी ही ताकतों ने मुख्यमंत्री को हटाने की मुहिम छेड़ रखी है। मुख्यमंत्री की जगह दूसरे नेता का नाम प्रस्तुत किया जाने लगा है। यह कोई और नहीं राज्य के गृहमंत्री और फायर ब्रांड नेता अनिल विज बताए जा रहे हैं।
मौजूदा हालातों का सबसे ज्यादा लाभ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उठा रहे हैं। पिछले दिनों खबर थी कि रामविलास शर्मा ही नहीं बल्कि दक्षिणी हरियाणा यानी अहीरवाल के कई नेताओं और ओमप्रकाश धनकड़ आदि ने एक बैठक आयोजित कर मुख्यमंत्री के खिलाफ एकजुट होने का संकेत दिया था और उन्हें चुनाव में भाजपा के फीके प्रदर्शन का जिम्मेदार भी ठहराया था।
विपक्ष के नेता सरकार के हालातों को अपनी-अपनी भाषा में बयान कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि सरकार अपने ही बोझ से गिर जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला कहते हैं कि इस सरकार को अनिल विज गिराएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इतनी उपेक्षा की जा रही है कि इसी उपेक्षा के कारण एक दिन वे कहीं खुद गठबंधन तोडऩे की पहल करने को विवश न हो जाएं।
हरियाणा से जगजीत शर्मा की रिपोर्ट