सूरज हत्याकांड: सूरज को नहीं मिला इंसाफ…सदमे में आए भाई ने भी लगाई फांसी
नानकमत्ता: दुनिया में एक माँ-बाप ही होते है जो अपने बच्चों को निस्वार्थ प्यार करते है। बचपन में जैसे बच्चों का सहारा उनके माँ-बाप होते है वैसे ही बुढ़ापे में माँ-बाप का सहारा उनके बच्चे होते है। लेकिन अगर बुढ़ापे में किसी के दो जवान बेटों की मौत हो जाए तो फिर क्या बीतेगी उन माँ-बाप पर। शायद इसका अंदाज़ा हम और लागा भी नहीं सकते है।
आईटीबीपी में भर्ती होने गए सूरज सक्सेना की हत्या का मामला…
आपको आईटीबीपी में भर्ती होने गए सूरज सक्सेना की हत्या का मामला तो याद ही होगा। जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। वहीं इंसाफ न मिलने पर सूरज के भाई ने भी फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली है।
नानकमत्ता में एमए प्रथम वर्ष का छात्र था सूरज…
आपको बता दें कि,18 अगस्त को आईटीबीपी में भर्ती होने के लिए हल्दूचौड़ गए नानकमत्ता के छात्र का शव संदिग्ध हालात में आईटीबीपी परिसर की झाड़ियों में मिला था। शव में कीड़े पड़ गए थे। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए नानकमत्ता थाने और हल्दूचौड़ में घंटों हंगामा किया। इसके बाद मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। वार्ड नंबर सात अनाज मंडी नानकमत्ता निवासी ओमप्रकाश सक्सेना का बेटा सूरज सक्सेना (24) श्री गुरुनानक देव पीजी कॉलेज नानकमत्ता में एमए प्रथम वर्ष का छात्र था।
आईटीबीपी भर्ती के कुछ अधिकारियों के साथ विवाद…
सूरज 15 अगस्त की शाम को घर से 34वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल कैंप हल्दूचौड़ में भर्ती होने के लिए अपने साथियों के साथ गया था। बताया जा रहा है कि 16 अगस्त को सूरज दौड़ में वह सफल हो गया था। दौड़ के बाद टोकन जमा करने को लेकर उसका आईटीबीपी भर्ती के कुछ अधिकारियों के साथ विवाद हो गया था। विवाद के बाद से ही वह अचानक लापता हो गया। बाद में उसका शव आईटीबीपी परिसर में ही झाड़ियों में पड़ा मिला था। लोगों के आक्रोश के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और तीन जवानों के गिरफ्तार किया।
गोविंद ने पंखे से लटकर अपनी जीवन लीला करी समाप्त…
वहीं सक्सेना परिवार पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सूरज के छोटे भाई की भी मौत हो गई है। सूरज के छोटे भाई का नाम गोविंद है और सूरज के लापता होने के बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गोविंद ने पंखे से लटकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया था। भाई सूरज की मौत के बाद गोविंद सदमे में चला गया था। वह हताश और निराश रहने लगा था।
दो बेटों की मौत से वह कैसे उबरेगा ये शब्दों में…
वहीं परिजनों की तरफ से कहा जा रहा है कि सूरज के हत्यारों के खिलाफ ठोस कार्रवाई ना होने को लेकर गोविंद निराश था। परिवार को सहीं इंसाफ न मिलने के चलते गोविन्द ने मौत को गले लगा लिया। सक्सेना परिवार ने शायद ही सोचा होगा कि उन्हें ये सब भी देखना पड़ेगा। दो बेटों की मौत से वह कैसे उबरेगा ये शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।
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