दीपावली की रात… काले जादू की रात….!
भारतीय धर्म दर्शन में तंत्र शास्त्र का बहुत ऊंचा स्थान है। इसमें नीच कर्म के लिए कोई जगह नहीं है। जो लोग किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए जादू टोना करने हैं वे पापकर्म करते हैं। वह अपना आज और भविष्य दोनों ही खराब कर रहे हैं। ये कथित बाबा व तांत्रिक दुष्ट श्रेणी के लोग हैं। इन पर जरा भी विश्वास नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा।
ये दिन का तांत्रिकों के लिए खास…
वहीं दिवाली का दिन वैसे तो सुख-समृद्धि के त्योहार के रूप में देखा जाता है लेकिन इस दिन का तांत्रिकों के लिए भी खास महत्व है। अमावस्या की इस रात को कालरात्रि, महानिशा, दिव्यरजनी और महाकृष्णा भी कहा गया है और तांत्रिक और अघोरी शक्तियां इस रात में शक्तियों को सिद्ध करते हैं। तंत्रशास्त्रों में भी इसका जिक्र मिलता है कि कुछ खास दिनों में की गई तंत्रिक साधना विशेष फल देती हैं, इनमें दशहरा, नवरात्रि और दिवाली हैं। दीपावली की रात इन सबसे खास शक्तिशाली मानी जाती है और इसे तंत्रशास्त्र की महारात्रि कहा जाता है।
बज़्म-ए-आखिर में दिवाली के दिन तंत्र साधना का जिक्र…
साल 1885 में छपी बज़्म-ए-आखिर में मुंशी फ़ैज़उद्दीन देहलवी ने मुगलों के काल में भी दिवाली के दिन तंत्र साधना का जिक्र किया है। इससे बचने के लिए दिवाली के दिन किसी भी कर्मचारी को महल परिसर से बाहर जाने का इजाजत नहीं होती थी। महल में कोई भी सब्जी इस रोज नहीं मंगाई जाती थी। अगर कोई बैंगन, कद्दू, चुकंदर या गाजर खाना चाहे तो पहले उसे छीलकर तब ही इस्तेमाल किया जाता था। ऐसी मान्यता थी कि इन फल-सब्जियों के जरिए महल के हरम की औरतों पर बाहरी व्यक्ति काला जादू कर सकता है।
दिवाली पर देवी लक्ष्मी अपनी बहन अलक्ष्मी के साथ…
मान्यता है कि दिवाली पर देवी लक्ष्मी अपनी बहन अलक्ष्मी के साथ भूलोक की सैर पर आती हैं। तभी तांत्रिक अनुष्ठान से उन्हें या फिर पारलौकिक शक्तियों को सिद्ध किया जा सकता है। हालांकि इसमें तांत्रिक साधना और काला जादू दो अलग-अलग श्रेणी की चीजें हैं जो अलग-अलग स्तर पर की जाती हैं।
र ये वो शक्ति है जो साधक के कान में आकर किसी भी…
दिवाली की रात को कर्णपिशाचिनी विद्या सिद्ध करने के उपयुक्त माना जाता है। मान्यतानुसार ये वो शक्ति है जो साधक के कान में आकर किसी भी व्यक्ति का अतीत और वर्तमान बता देती है। कर्णपिशाचिनी के जरिए भविष्य नहीं देखा जा सकता लेकिन इस विद्या के जानकार लोगों को प्रभावित कर उनसे पैसे ऐंठने में सफल रहते हैं।
20 नाखूनों वाले कछुओं की मांग…
दीवाली के करीब उल्लुओं, रेतीली जगहों पर पाए जाने वाले एक खास अजगर, काली बिल्ली और 20 नाखूनों वाले कछुओं की मांग रहती हैं, तांत्रिक अनुष्ठानों को सिद्ध करने के लिए इनका उपयोग होता है। माना जाता है कि इन्हें पाने वाले व्यक्ति पर तांत्रिक शक्तियां कृपालु हो जाती हैं।
वाइट मैजिक की तोड़ पर ब्लैक मैजिक का जन्म…
इस महारात्रि पर ब्लैक मैजिक यानी काला जादू भी साधा जाता है, इसमें परालौकिक शक्तियां निजी स्वार्थों या अक्सर किसी के अनिष्ट के लिए सिद्ध की जाती हैं। रॉबर्ट एम प्लेस की किताब मैजिक एंड एल्केमी में इसका उल्लेख मिलता है कि वाइट मैजिक की तोड़ पर ब्लैक मैजिक का जन्म हुआ। खराब इरादों की वजह से इसे लो मैजिक भी कहा जाता है।