एक ज़माना था जब महिलाएं तो क्या पुरुषों की शिक्षा को भी इतना महत्व नहीं दिया जाता था, और महिलाओं के लिए शिक्षा किसी सपने से कम नहीं थी क्योंकि उस दौर में तो महिलाओं को घर से बाहर निकलना तो दूर उनके सिर से पल्लू भी नहीं उतरने देते थे।
वो दौर जब पल्लू में रहती थी औरतें…
वहीं जिस दौर में महिलाओं पर इतनी पाबंदियां होती थी उसी दौर में एक महिला ऐसी भी थी जिसनें न सिर्फ शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखा बल्कि उस सपने को पूरा भी कर दिखाया। ये उस ज़माने की बात है जब महिलाओं की शिक्षा किसी सपने से कम नहीं थी।
वहीं आज हम आपको उस महिला के बारे में बताने जा रहे है जिसने 19 साल की उम्र में डॉक्टर बन कर इतिहास रच दिया था।
आपको जानकार हैरानी होगी की आजादी से पहले एक भारतीय महिला थी जिन्होने केवल 19 साल की उम्र में डॉक्टर बनकर इतिहास रच दिया था।पुणे में जन्मी आनंदी गोपाल जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर थी।
9 साल की उम्र में अपने से 20 साल बड़े युवक से शादी…
जिस समय भारत में महिलाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करना एक सपने से कम था, उस दौर पर आनंदी गोपाल जोशी ने विदेश में जाकर डॉक्टर की डिग्री हासिल कर देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम कर दी थी। आनंदी बाई जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 में पुणे में हुआ था। जिनकी सिर्फ 9 साल की उम्र में अपने से 20 साल बड़े युवक गोपालराव से शादी हो गई थी। वहीं कहा जाता है की आनंदीबाई जोशी की इस सफलता में उनके पति की बड़ी भूमिका थी।
14 साल की उम्र में बनीं माँ लेकिन…
आनंदी ने 14 साल की उम्र में अपनी पहली संतान को जन्म दिया था। लेकिन स्वास्थय सेवाओं की कमी के चलते उनके बेटे की जान नहीं बच पाई। जिससे उन्हें गहरा सदमा पहुँचा। वहीं इस घटना ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी। साथ ही आंनदी को डॉक्टर बनने की प्रेरणा दी। वहीं जिस समय आनंदी गोपाल जोशी ने डॉक्टर की डिग्री हासिल करने का फैसला लिया, उस दौर में महिलाओं को पढ़ाई-लिखाई की भी इजाजत नहीं थी, जिसकी वजह से उन्हें समाज में काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
पति ने दिया साथ…
इस फैसले में उनके पति ने उनका साथ दिया और उन्हें पढ़ने को प्रेरित किया। पति के समर्थन के साथ आंनदी ने 1885 में अमेरिका के पेनसिल्वेनिया मेडिकल कॉलेज से सिर्फ 19 साल की उम्र में एमडी की डिग्री प्राप्त की । और साथ ही भारत की पहली महिला डॉक्टर बन कर दुनिया के सामने मिसाल कायाम की।
महज 22 साल की उम्र में हुई मृत्यु…
भारत लौट कर उन्होंने कोल्हापुर के अल्बर्ट एडवर्ड अस्पताल में महिला वॉर्ड की फिजीशियन इंचार्ज के तौर पर काम करना शुरू किया था। लेकिन विदेश से लौटने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा जिसके चलते 26 फरवरी 1887 में 22 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई।
औरतों के लिए पेश की मिसाल…
भले ही वो लंबे समय तक लोगों की सेवा नहीं कर पाई लेकिन फिर भी आनंदी गोपाल जोशी ने समाज में वह स्थान प्राप्त किया। जो आज भी एक मिसाल है और भारतीय महिलाओं को गर्व से जीने की प्रेरणा भी। आनंदी के जीवन पर दूरदर्शन पर “आनंदी गोपाल” नाम से धारावाहिक भी प्रसारित हो चुका है।
- पूरा नाम आनंदी गोपाल जोशी
- जन्म 31 मार्च, 1865
- जन्मस्थान पुणे, महाराष्ट्र
- मृत्यु 26 फ़रवरी, 1887
- मृत्यु स्थान पुणे, महाराष्ट्र
- पति गोपाल राव जोशी
- विद्यालय वुमन्स मेडिकल कॉलेज ऑफ़ पनेसिलवेनिया, अमेरिका
- शिक्षा डॉक्टर्स इन मेडिसिन
- प्रसिद्धि भारत की प्रथम महिला डॉक्टर
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