पूर्व सीएम और मौजूदा सीएम के बीच फेसबुक पर छिड़ी ‘जंग’, दोनों ने एक दूसरे पर किए तीखे वार
देहरादून: प्रदेश में लोकसभा चुनाव का दौर जरूर खत्म हो गया हो लेकिन नेताओं के बीच छीड़ रही जुबानी जंग का दौर अभी भी जारी है। इसका उदाहरण आप पूर्व सीएम हरीश रातव और मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की फेसबुक पोस्ट पर देख सकते है। मतदान के बाद सियासी इलाकों में छाई खोमोशी को पूर्व सीएम हरीश रावत ने फिर से जगा दिया है। हरीश रावत ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तल्ख टिप्पणी की है। जिसके बाद हरीश के इस पोस्ट का जवाब देने में सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने थोड़ी से भी देरी नहीं की और उनके हरीश रावत पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने हरीश रावत को 2017 के चुनाव नतीजों की याद दिलाई। वह यह कहने से भी नहीं चूके कि हरीश को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर भी विश्वास नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोमवार को फेसबुक के जरिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तल्ख टिप्पणी की।
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हरीश रावत ने लिखा था कि….
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी को मेरी चुनावी हारें गिनाने का बड़ा शौक है। मुख्यमंत्री जी, गिरते हैं, शह सवार ही मैदान-ए-जंग में। मुझे हराने वाले लोगों को आज याद नहीं है, हारने वाला हरीश रावत आज भी लोगों की जुबां में जिंदा है। मेरी शुभकामना है कि आप 2022 का चुनाव भेंटे, मगर याद रखना आप रिकार्ड बुक में जिंदा रहेंगे, मैं इसके बाद भी लोगों की भावना और जुबां में जिंदा रहूंगा। रहा सवाल इस बार के चुनाव का, क्या आप कहीं चुनाव में थे। क्या आपके नाम व काम पर किसी ने वोट मांगा। हरीश रावत भूतपूर्व मुख्यमंत्री इस चुनाव में भी मतदाताओं के मध्य जिंदा था, उसके काम की, उसकी सोच की चर्चा हो रही थी। खैर, भगवान ने चाहा तो आपका घमंड जल्दी टूट जाएगा।
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जिसके जवाब में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी हरीश रावत पर तीखा प्रहार किया। उन्होने कहा कि.
आदरणीय Harish Rawat जी,
चुनाव में हार जीत लगी रहती है। लोकतंत्र में जिताना व हराना जनता के हाथ में है। आपने ठीक कहा, कि आप लोगों की जुंबा पर जिंदा हैं, लेकिन किन कामों के लिए जिंदा हैं, इसका अहसास आपको जनता 2017 में करवा चुकी है। लोगों के दिलों में कौन कितना जिंदा रहता है, इस बात का फैसला 23 मई को हो जाएगा।मैं समझ सकता हूँ, कि आप पर चुनाव का बहुत दबाव रहा होगा इसलिए आपकी जानकारी के लिए बता दूं, मैने प्रदेश के करीब करीब हर कोने में 15 दिन में 60 जनसभाएं की और हर जगह जनता का भऱपूर प्यार और समर्थन मुझे और मेरी पार्टी को मिला।जहां तक बात अहंकार की है, तो आप मुझे इस बात का जवाब दीजिए कि अहंकारी कौन है, अति आत्मविश्वास से कौन लबरेज था? और ये बात मैं इसलिए कह रहा हूँ कि आपने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को नैनीताल लोकसभा क्षेत्र में रैली करने तक के लिए नहीं बुलाया। अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति इतना अविश्वास क्यों? इसको मैं आपका अति आत्मविश्वास कहूं, या अहंकार? बहरहाल आप भी यह मान चुके हो कि आप के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने से आपको फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता।जहां तक बात भेंट करने की है, वो हमेशा करते रहेंगे। जहां तक मेरी सरकार के कामों का सवाल है उसका आंकलन भी जनता जनार्दन कर रही है और करेगी। आपकी बेचैनी मैं समझ सकता हूँ। खैर भगवान से मैं आपके स्वस्थ जीवन व दीर्घायु होने की कामना करता हूँ।