
सीएम भूपेश बघेल ने आज संस्कृत विद्वानों और मेधावी विद्यार्थियों को किया सम्मानित
रायपुर: सीएम भूपेश बघेल आज सवेरे यहां अपने निवास पर माघ पूर्णिमा के अवसर पर छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम् द्वारा आयोजित संस्कृत विद्वानों और मेधावीे छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह में शामिल हुए। वही इस दौरान उन्होने कहा कि
संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य शासन स्तर पर हर संभव सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वेद, पुराण अेौर गीता आदि देवभाषा संस्कृत में लिखे गए हैं। हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। छत्तीसगढ़ में संस्कृत के विद्वान और विद्यार्थी इस भाषा के विकास और इसे पुष्पित-पल्लवित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने गहिरा गुरू आश्रम के संबंध में कहा कि यहां मिलने वाले संस्कार अतुलनीय और अनुकरणीय है।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अखिल भारतीय स्तर पर संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत संस्था ’संस्कृत भारती’ को राष्ट्रीय स्तर के महर्षि वेदब्यास सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने चार संस्कृत विद्वानों को राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया। इनमें डॉ. कुमुद कोन्हे को महर्षि वाल्मिकी सम्मान, डॉ. कल्पना द्विवेदी को माता कौशल्या सम्मान, लक्ष्मीकांत पण्डा को ऋष्यश्रृंग सम्मान और बालगोविंद यादव को लोमश ऋषि सम्मान से विभूषित किया। महर्षि वेदब्यास सम्मान के रूप में 51 हजार रूपए राशि का चेक और प्रशस्ति पत्र तथा चार राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित विद्वानों को 31-31 हजार रूपए का चेक और प्रशस्ति पत्र, शॉल एवं श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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मुख्यमंत्री ने प्रावीण्य सूची में आए 11 विद्यार्थियों को तीन हजार एक रूपए और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। जिन बच्चों को सम्मानित किया गया, उनमें कुमारी सरला त्रिपाठी, कुमारी मंगलेश्वरी सांडिल्य, कुमारी रम्भा यादव, उमेश कुमार निषाद, प्रियांशु, कुमारी अंजू पैंकरा, मनोहर देवांगन, कुमारी पार्वती, कुमारी लीमावती, कुमारी देवंती, तोमेश साहू और कुमारी मीना शामिल हैं।