
विषम एवं दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों के घरों में सोलर से मिलेगी बिजली :सीएम भूपेश बेघल
रायपुर: छत्तीसगढ़ के 23 जिलों के सभी घर विद्युत के रोशनी से रोशन हो गए हैं। राज्य में चार जिलों के 553 गांवों के 20 हजार 134 घर ऐसे हैं जिसमें रोशनी उपलब्ध करायी जानी शेष है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर.के.सिंह की उपस्थिति में आज विधानसभा के समिति कक्ष में सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई तथा निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ में अभी तक रोशनी से वंचित शत-प्रतिशत घरों को जल्द से जल्द रोशन किया जाएगा।
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बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों के नक्सल समस्या से प्रभावित क्षेत्र तथा विषम एवं दुर्गम प्राकृतिक-भौगोलिक परिस्थितियों के कारण 20 हजार 134 घरों बिजली नहीं पहुंचाई जा सकी है। इनमें से ग्रिड की उपलब्धता वाले 266 गांवों के 7 हजार 987 घरों तथा आफग्रिड के 287 गांवों के 12 हजार 147 गांव शेष है। बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे घरों जहां विद्युत लाईन के माध्यम से बिजली नहीं दी जा सकती है, वहां क्रेडा के माध्यम से सौलर होम लाईट सिस्टम द्वारा बिजली पहुंचायी जायेगी।
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बैठक में सौभाग्य सहज बिजली हर घर योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ में सौभाग्य योजना 11 अक्टूबर 2017 से प्रारंभ की गई थी। राज्य में अभी तक सभी 27 जिले के शत-प्रतिशत गांवों को विद्युतीकृत कर दिया गया है। इनमें से 23 जिलों के शत-प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गई है। राज्य के शेष चार जिलों बीजापुर जिले के 89.2 प्रतिशत, दंतेवाड़ा जिले के 99.2 प्रतिशत, सुकमा के 84.16 प्रतिशत तथा नारायणपुर जिले के 93.08 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गई है।