अगर आपकी भी फड़कती हैं आंखे तो हो जाए सावधान…
आंखों का फड़कना एक आम बात है। इसमें आंख के आसपास की मांसपेशियां अपने आप संकुचित होती हैं जिससे उलझन तो बहुत होती है लेकिन नुकसान कुछ नहीं होता और थोड़ी बहुत देर में ये अपने आप बंद भी हो जाती है। लेकिन कई बार ऐसा एक हफ्ते या एक महीने तक भी हो सकता है। आमतौर पर एक आंख की निचली पलक में ऐसा होता है लेकिन ऊपरी पलक में भी ऐसा हो सकता है। मुंबई स्थित केजे सोमैया मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में डिपार्टमेंट ऑफ्थैलमोलोजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर ओमकार तेलांग आपको बता रहे हैं की आंखें क्यों फड़कती हैं और इससे क्या जाहिर होता है।
1) तनाव- जब आप तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर भी अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है। आंखों का फड़कना तनाव का ही एक संकेत हो सकता है खासकर तब, जब आपको आंखों में तनाव जैसी कोई दृष्टि संबंधी समस्या होती है।
2) थकान- तनाव या किसी अन्य वजह से जब आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है, तो ऐसे में आपकी आंख फड़फड़ा सकती है। एक अच्छी नींद लेने से आपको इसे रोकने में मदद मिल सकती है।
3) आंखों में तनाव- दृष्टि संबंधी परेशानी होने पर आपको चश्मे की या चश्मा बदलने की जरूरत पड़ती है जिससे आंखों में तनाव हो सकता है। यहां तक कि मामूली दृष्टि समस्या भी आपको परेशान कर सकती है, जिस वजह से आपकी फड़क सकती है।
4) कैफीन- अधिक मात्रा में कैफीन के सेवन से भी आंखें फड़कने लगती हैं। इसलिए कॉफ़ी, चाय और चॉकलेट आदि का कम सेवन करना चाहिए। कम से कम एक या दो हफ्ते तक इन चीजों का सेवन नहीं करने से आंखें फड़कना बंद हो जाता हैं।
5) सूखी आंखें- कंप्यूटर यूज करने वालों, एंटीथिस्टेमाइंस व ऐन्टीडिप्रेसन्ट जैसी दवाएं लेने वालों और कांटेक्ट लेंस पहनने वालों को ड्राई आई का अधिक खतरा होता है। थकान और तनाव के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है। आंख की सतह के लिए नमी को बनाए रखने से ऐंठन को रोकने और फड़कने के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
6) एलर्जी- जिन लोगों को आंखों के एलर्जी होती हैं उन्हें आंखों में खुजली, पानी आना और फड़कना जैसी समस्या हो सकती है। इससे निपटने के लिए डॉक्टर किसी ड्रॉप या दवा की सलाह दे सकता है।
7) शराब- अगर आपको लगता है कि आपकी आंखें कुछ ज्यादा ही फड़कती हैं, तो आपको कुछ समय के लिए शराब के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि अधिक शराब पीने से भी यह समस्या हो सकती है।
8) पोषक तत्वों की कमी- मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण भी पलक की ऐंठन को गति मिल सकती है। इसलिए अपने भोजन में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना बहुत जरूरी है।