हादसा: राखियां लेकर घर लौट रही मां-बेटी को बस ने रौंदा,मौके पर मौत…
देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रहे सड़क हादसे अब थमने का नाम ही नहीं ले रहे है। सड़क हादसों में अभी तक ना जाने कितनें लोगों की जाने चली कई है और ना जाने कितने लोग अपाहिज हो गए है। बस और ट्रक चालकों की थोड़ी से भी भूल ना जाने कितने लोगों की जान ले लेती है। ऐसा ही एक बड़ा हादसा उस समय हुआ जब बाजार से शॉपिंग कर स्कूटी से घर लौट रही मां-बेटी को बेकाबू बस ने कुचल दिया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनको आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया जहां उनकी इलाज के दौरान ही मौत हो गई।
जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित…
ताजा मामला देहादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र के तेलपुर का है। जहां विकासनगर की और जा रही तेज रफ्तार बस ने स्कूटी सवार मां-बेटी को कुचल दिया। बस के नीचे स्कूटी समेत फंसी मां-बेटी को लहूलुहान हालत में निकालकर आस-पास के लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। उधर, लोगों ने आरोप लगाया कि बस चालक नशे में था, इस पर पुलिस ने आरोपित का मेडिकल कराया। इस पूरी घटना के बाद आस-पास के लोगों मे आक्रोश पैदा हो गया है। जिसके बाद उन्होने बस के चालक की पिटाई करते हुए उसे पुलिस के हवाले कर दिया है। वही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी बस को सीज कर लिया है। और बस चालक को हिरासत में ले लिया है।
शाॉपिंग करने गई उन मां बेटी को क्या पता…
पटेलनगर इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि बस दुर्घटना में मृत महिला की पहचान भावना (37) पत्नी सुरेश सिंह और उनकी बेटी गरिमा (18) निवासी सिंहनीवाला, सहसपुर के रूप में हु़ई। सुरेश सिंह सूबेदार मेजर के पद पर असम में तैनात हैं। इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे शहर में शौक की लहर दौड़ रही है। शाॉपिंग करने गई उन मां बेटी को क्या पता था कि उनके साथ एैसा होगा। बस चालक की थोड़ी सी भुल ने दोनें मां बटी को मौत के घाट उतार दिया है।
अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि गरिमा शिवालिक स्कूल…
26 अगस्त को रक्षाबंधन है। भावना अपने भाई मंगल सिंह और गरिमा छोटे भाई कृष्णा के लिए राखी खरीदने बाजार आईं थीं। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल पर उनके बैग से राखियां और घर में रोजाना इस्तेमाल का सामान बिखरा पड़ा था। अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि गरिमा शिवालिक स्कूल, सेलाकुई में 12वीं में पढ़ती थी। पढ़ाई के साथ-साथ गरिमा मेडिकल की तैयारी कर रही थी। गरिमा पढ़ाई में होनहार थी। मां के साथ घर के जरूरी काम में भी हाथ बांटती थी। गरिमा की मौत की खबर मिलने से उसके साथ पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी सदमे में हैं।