उत्तरकाशी: उत्तराखंड को जहां देवभूमि यानि देवताओं की प्रवित्र भूमि के नाम से जाना जाता है तो वही आज भी लोगों के मन में अपने कुल देवताओं के प्रति आस्ता बनी हुई है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पूरे रितीरिवाज से अपने कुल देवताओं को पूजते है। वही आज १२ साल के बाद उत्तरकाशी के मोरी गांव में कर्ण देवता की डोली पहुंची तो ग्रामीण अभिभूत हो गए। और इस मौके पर गांव के लोगों ने भव्य मेले का आयोजन भी किया। कर्ण देवता के प्रति लोगों की आस्था साफ झलक रही है। कर्ण देवता पश्वा पर अवतरित हुये और उन्होंने लोगों की समस्याओं के सवालों के जबाब् देते हुये उनका निदान किया। साथ ही गांव की खुशहाली का ग्रामीणों को वचन दिया।
देवता के गांव पहुंचने पर भव्य मेले का आयोजन…
वही जब उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के देवजानी गांव में 12 साल के बाद कर्ण देवता की डोली पहुंची तो यहां के लोगों ने हर्षोल्लास और धूम धाम से देवडाली का स्वागत ढोल नगाड़ों के साथ किया। इस मौेेके पर वहां पर गांव के सभी लोग मौजूद थे। देवता के गांव पहुंचने पर भव्य मेले का आयोजन करते हुये रासौं व तांदी नृत्य के साथ स्थानीय गीतों का गान किया।
देव शक्ति के चलते पश्वा ने पतले तार पर चलते…
मेले के बाद कर्ण देवता पशुआ पर अवतरित हुये। देव शक्ति के चलते पश्वा ने पतले तार पर चलते हुये मंदिर की छत पर पहुंचे। जिससे बाद पश्वा ने स्थानीय लोगों की समस्याओं से सम्बंधित सवालों के जबाब देते हुये समाधान बताये और गांव की खुशहाली के लिए आश्वस्त किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मेले का समापन हुआ। कर्ण देवता का मंदिर नैटवाड़ में है।