नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला: अब तीसरे बच्चे के लिए भी देना होगा मातृत्व अवकाश…

नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला: अब तीसरे बच्चे के लिए भी देना होगा मातृत्व अवकाश...

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रसूता को केेवल दो बच्चों तक ही मातृत्व अवकाश देने के प्रावधान को रद्द कर दिया है। मातृत्व अवकाश देने के प्रावधान को रद्द करने के अदालत के इस फैसले के बाद अब बच्चो की संख्या को लेकर पाबंदी हट गई है।

आपको बता दे कि सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी…

इस मामले पर न्यायमूर्ती राजीव शर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है। वही कोर्ट ने कहा कि तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाना असंवैधानिक है। आपको बता दे कि सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की स्टाफ नर्स उर्मिला मैसी ने तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था,लेकिन विभाग की ओर से इसकी स्वीकृति नहीं गई। जिसके चलते उन्होने कार्ट में याचिका दायर करी थी। लेकिन उसके स्वीकृति नहीं दी गई। विभाग ने इसके लिए नियमों का हवाला देते हुए कहा कि केवल दो बच्चों तक ही मातृत्व अवकाश का प्रावधान है, तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश की अनुमति देने का नियम नहीं है।

याचिका में उत्तराखंड में लागू उत्तर प्रदेश मौलिक नियम…

याचिका में उत्तराखंड में लागू उत्तर प्रदेश मौलिक नियम 153 को चुनौती दी गई थी। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह प्रावधान मातृत्व लाभ अधिनयम 1961 की धारा-27 के विपरीत है। यह संविधान के अनुच्छेद 42 की भावना के भी विपरीत है। याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए एकलपीठ ने प्रदेश में चल रहे नियम 153 के प्रावधान को निरस्त घोषित कर दिया है। दो बच्चों तक ही मातृत्व लाभ मिलने की सीमा इसके साथ ही खत्म हो गई है।