भारत में जानलेवा निपाह ने दी दस्तक, केरल में अब तक 12 की मौत
केरल में चमगादड़ों के जरिये फैलने वाले निपाह वायरस से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विशेषज्ञों का एक दल केरल भेजा है। निपाह वायरस के कारण सबसे पहले कोझिकोड जिले में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई थी। इस परिवार का इलाज कर रही नर्स ने भी तेज बुखार के कारण दम तोड़ दिया। जिले के अस्पतालों में जांच कराने वालों की लंबी कतार लगी है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 12 लोग भर्ती हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है। बुखार, सिरदर्द भी शुरुआती लक्षण हैं। इसके इलाज के लिए न तो कोई दवा है और न ही इससे बचाव के लिए कोई टीका ईजाद किया गया है। समय रहते सही उपचार और लगातार निगरानी से ही जान बच सकती है।
डरे नहीं, उपचार के पुख्ता इंतजाम- स्वास्थ्य मंत्री
निपाह वारयस से हुई मौतों के बाद फैली अफरातफरी के बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने सोमवार को बताया कि उन्होंने कहा कि उन लोगों की सूची बनाई गई है जो उन मरीजों के संपर्क में आए थे। एहतियाती उपाय के तौर पर उन्हें अलग कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के आस-पास के अस्पतालों से विशेष वार्ड स्थापित करने को कहा गया है और अगर मरीजों में वायरस के लक्षण हों तो उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्देश दिया गया है।
मरीज के रिश्तेदारों को दूर रहने को कहा गयारू निपाह वायरस का संक्रमण मरीज के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। इसलिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने संक्रमित मरीज के परिजनों को अस्पताल आने से मना कर दिया है। मरीजों को विशेष वार्ड में रखा गया है जहां अस्पाताल के कर्मचारियों को भी बिना विशेष एहतियात बरते आने की मनाही है। संक्रमण से दम तोड़ने वाली नर्स लिनी की मां और उनके परिजनों को भी शव के पास जाने नहीं दिया गया। नर्स का अंतिम संस्कार भी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया।