राज्य के लोगों की जरूरत के लिए पूरा नहीं पानीः कर्नाटक सरकार

कर्नाटक के जलसंसाधन विकास मंत्री एमबी पाटिल ने कहा है कि वह तमिलनाडु को पानी देने की स्थिति में नहीं हैं। बावजूद इसके कि कोर्ट ने उनसे पूछा है कि वह कितना पानी अपने पड़ोसी राज्य के लिए जारी कर सकते हैं। पाटिल का कहना था कि वह लीगल टीम के संपर्क में हैं और सुप्रीम कोर्ट में तय समय पर जवाब दाखिल कर देंगे। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर सकते। उनके पास केवल नौ टीएमसी पानी है और यह उनके राज्य के लोगों की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहा है। उनका कहना था कि पानी तमिलनाडु को दे दिया तो उनके पास कमी हो जाएगी।

केंद्र का ढुलमुल रवैया पहले की तरह बरकरार

कावेरी जल बंटवारे को लेकर बनने वाले कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड (सीएमबी) के गठन पर केंद्र का ढुलमुल रवैया पहले की तरह से बरकरार है। तीन मई को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र को बताना था कि इस दिशा में उसने क्या उपाय किए, लेकिन अटार्नी जनरल ने रटा रटाया जवाब दिया कि मामले की सुनवाई कर्नाटक चुनाव के एक दिन बाद हो तो बेहतर रहेगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच के समक्ष केके वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी व तमाम मंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त है। ड्राफ्ट रिपोर्ट पहले कैबिनेट के समक्ष पेश की जाएगी, उसके बाद इसे कोर्ट में रखेंगे।

बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ व एएम खानविलकर भी शामिल थे। कोर्ट ने केंद्र के जवाब पर टिप्पणी की कि आप बार-बार समय ले रहे हैं। लगता नहीं कि इस मामले में सरकार गंभीर भी है। हालांकि केंद्र की अपील थी कि मामले की सुनवाई 12 मई के बाद हो, लेकिन बेंच ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार आठ मई को बताए कि उसने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं।

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