केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कानपुर और लखनऊ दौरा कुछ हद तक निजी रहा लेकिन संगठन और सरकार की जिम्मेदारियों बेखबर नहीं रहा। ऐसे में नक्सली हिंसा, अयोध्या में राममंदिर निर्माण, योगी राज में व्यवस्था सुधार, पड़ोसी देशों से संबंध और कश्मीरी पंडितों से जुड़ी समस्याओं पर सवाल भी पेश आए लेकिन सभी के यथोचित जवाब के बीच गृहमंत्री ने विकास और जनहित के मसले को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन गए हैं तो इसमें चीन को लेकर कोई खास वजह नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री तो हर पड़ोसी देश से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। यूपी में योगी सरकार में कानून-व्यवस्था सुधरी है।
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को कानपुर के श्यामनगर स्थित अपने गुरु के आश्रम हरिहर धाम दोपहर 12.30 बजे पहुंचे और करीब तीन घंटे यहां रहकर पूजा-अर्चना की। गृहमंत्री के आध्यात्मिक गुरु संतोष दुबे हैं। उनसे राजनाथ सिंह ने एकांत में मुलाकात की और लंबे समय तक वार्ता भी की। इसके बाद उन्होंने स्थानीय सांसद देवेंद्र सिंह भोले, पार्टी जनप्रतिनिधियों, संगठन पदाधिकारियों और वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर ताजा गतिविधियों और सियासी माहौल की गुनगुनाहट महसूस की।
कश्मीरी पंडितों का मुद्दा भूली नहीं सरकार
कानपुर में मीडिया के सवालों पर बोले कि कश्मीरी पंडितों को पुनस्र्थापित करने का मुद्दा सरकार भूली नहीं है। उस पर विचार चल रहा है। राम मंदिर निर्माण के सवाल पर बोले कि यह मसला न्यायालय में है। विकास और जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर सरकार गंभीर है। नक्सली घटनाओं पर तीखे तेवर दिखाते हुए उनका कहना था कि हमारी पूरी रणनीति है। नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लखनऊ से सड़क मार्ग से दोपहर 12.30 बजे यहां पहुंचे। इसके बाद पुनः शाम लखनऊ पहुंचकर एक शादी समारोह में शरीक हुए।