दहशत के खूनी खेल से सितारगंज में मची सनसनी
रुद्रपुर में किच्छा रोड पर खूनी संघर्ष से पूरा सितारगंज सन्न रह गया। इस घटना के बाद नगर कीर्तन में मौजूद लोगों में दहशत फैल गई। स्थिति यह थी कि हमलावरों के आने और इसके बाद तलवारें चलने और फायरिंग की घटना के बीच वहां पहुंचे पुलिस कर्मी खुद दहशत के मारे हमलावरों को रोकने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाए। इस घटना के बाद लोग नगर कीर्तन में शामिल अपने परिजनों को लेने पहुंच गये।
दोनों पक्षों को अलग करने में जूझती रही पुलिस
अस्पताल में सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर एसएसआई बीएस बिष्ट के नेतृत्व में कोतवाली व नगर कीर्तन में लगा पुलिस बल मौके व अस्पताल पहुंच गया। दोनों पक्षों को अलग करने में पुलिस जूझती रही। बाद में जिले के विभिन्न थानों की पुलिस भी पहुंच गई। एसएसपी डॉ. सदानन्द दाते ने अस्पताल पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल के शीशे तोड़ दिये। अस्पताल के भीतर दो घायलों को उनके हवाले करने की मांग करने लगे।
मृतकों के परिजनों व समर्थकों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बिना अस्पताल से निकालने देने से इंकार कर दिया। एसएसपी के समझाने के बाद सायं 5 बजे दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। दूसरे पक्ष के दो आरोपियों को घायलावस्था में पुलिस अभिरक्षा में हायर सेंटर भेजा गया। अस्पताल में, एसपी क्राइम कमलेश उपाध्याय, ब्रज वाहन, पुलिस की टीयर गैस टीम, तीन प्लाटून पीएसी, जनपद के थानों के सीओ, कोतवाल व पुलिस अस्पताल पहुंची। नगर के चैराहों समेत गांव में भी पुलिस तैनात कर दी गई। एसएसपी ने पुलिस टीमों का गठन कर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देनी शुरू कर दी।
दोहरा हत्याकाण्ड व तीन अन्य घायल होने के बाद सैकड़ों की भीड़ अस्पताल में लग गई। चीख पुकार के बीच अस्पताल में तोड़ फोड़ के हालात बन गये। घायलों को देखने की डॉक्टर से परिजन मन्नत करते रहे, लेकिन अस्पताल में एक डॉक्टर व एक फार्मसिस्ट मौजूद मिले। जो एक साथ इनको देख सकते। कागजी कार्यवाही से लेकर पुलिस को सूचना देने की सारी औपचारिकतायें भी की जाती रही। इससे जनाक्रोश बढ़ता गया, लेकिन दूसरे डॉक्टर अस्पताल में नहीं आये। अस्पताल में छह डॉक्टर तैनात हैं, लेकिन इमेरजेंसी में तैनात डॉक्टर की मदद करने कोई नहीं आया।