Kanwar Yatra : उत्तराखंड में आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। हर साल सावन मास में आयोजित होने वाली इस विशाल धार्मिक यात्रा में देशभर से लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचते हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार और प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में तैयारियों की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था से लेकर स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा तक के लिए कई सख्त निर्देश दिए।
Kanwar Yatra : श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि: CM धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि “श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। थूक जिहाद जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पहले से ही ठोस और प्रभावी रणनीति बनाई जाए।”
गौरतलब है कि बीते वर्ष यात्रा के दौरान कुछ स्थानों पर खाद्य सामग्री में थूकने जैसी घटनाएं सामने आई थीं, जिसे लेकर जनता में रोष फैला था। इस बार मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया है।
Kanwar Yatra : अशुद्ध भोजन परोसने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सीएम धामी ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी ढाबे, होटल, लंगर सेवा या ठेले पर श्रद्धालुओं को अशुद्ध या बासी भोजन नहीं परोसा जाना चाहिए। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे यात्रा मार्गों पर नियमित जांच अभियान चलाएं और संदिग्ध खाद्य सामग्री पर तत्काल कार्रवाई करें।
इसके लिए फूड इंस्पेक्टर्स की तैनाती, मोबाइल लैब, और फूड टेस्टिंग वैन लगाई जाएंगी जो हरिद्वार से लेकर नीलकंठ, देवप्रयाग, और आगे ऋषिकेश तक गश्त करती रहेंगी। सीएम ने कहा, “कांवड़ यात्रा आस्था का पर्व है, यहां कोई भी श्रद्धालु बीमार या असहज महसूस नहीं करना चाहिए।”
हरिद्वार जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री ने विशेष जिम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा कि शहर की साफ-सफाई, ट्रैफिक व्यवस्था और कंट्रोल रूम की निगरानी लगातार की जाए। साथ ही सभी पुलिस थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है, साथ ही ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी के आदेश दिए गए हैं।
Kanwar Yatra : अराजक तत्वों पर नकेल कसने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी कहा कि यात्रा मार्गों पर किसी भी तरह की अफवाह या सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए। “अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। धार्मिक आयोजन में शांति और सौहार्द बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है,” उन्होंने दो टूक कहा।
कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देशित किया गया है। सभी प्रमुख पड़ावों पर अस्थायी स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए जाएंगे। हर शिविर में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। गर्मी और डिहाइड्रेशन के चलते बीमार पड़ने वाले श्रद्धालुओं के लिए ORS, पेयजल और प्राथमिक दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।
Kanwar Yatra : आवागमन व्यवस्था को लेकर खास रणनीति
इस बार राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए स्पेशल ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया है। हाईवे से लेकर भीतर के मार्गों तक यातायात को नियंत्रित करने के लिए रूट डायवर्जन, वन वे सिस्टम और डिजिटल मैसेजिंग बोर्ड लगाए जाएंगे। यात्रियों के लिए पार्किंग जोन, विश्राम स्थल और मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बसों और प्राइवेट वाहनों की संख्या और रूट को पूर्व से ही मॉनिटर किया जाए ताकि जाम और अव्यवस्था से बचा जा सके।
Kanwar Yatra : सेवा भाव से करें काम: सीएम की अपील
सीएम धामी ने अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं से अपील करते हुए कहा कि “कांवड़ यात्रा सेवा और श्रद्धा का संगम है। हमें सेवा भाव से कार्य करना है और यह सुनिश्चित करना है कि हर श्रद्धालु को देवभूमि उत्तराखंड की गरिमा और सम्मान महसूस हो।”
उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं, स्थानीय संगठनों और धार्मिक ट्रस्टों से भी सहयोग की अपील की है कि वे यात्रियों को भोजन, पानी, प्राथमिक चिकित्सा और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराएं।
Kanwar Yatra : डिजिटल तकनीक का उपयोग
इस बार उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ियों के मार्गदर्शन और सहायता के लिए डिजिटल तकनीक को भी जोड़ा है। “कांवड़ यात्रा ऐप” के ज़रिए श्रद्धालु रूट मैप, भीड़ की स्थिति, लंगर स्थान, और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी रीयल टाइम में प्राप्त कर सकेंगे।
कांवड़ यात्रा 2025 को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और यात्रा के दौरान हर पहलू पर कड़ी निगरानी रहे।
धार्मिक आयोजनों में व्यवस्था और आस्था का संतुलन बनाए रखना जहां सरकार की बड़ी चुनौती होती है, वहीं उत्तराखंड प्रशासन इस बार अपनी पूरी तैयारी के साथ इस चुनौती को अवसर में बदलने को तैयार नजर आ रहा है।
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