News : कांवड़ मेले को लेकर हुई इंटरस्टेट बैठक, कई राज्यों के अधिकारी हुए शामिल!

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News : सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर वर्ष 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इसे लेकर हाल ही में एक अहम इंटरस्टेट समन्वय बैठक आयोजित की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे प्रमुख राज्यों के आला अधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य था – यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल, चिकित्सा सहायता और साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित करना।

हर साल सावन के महीने में लाखों की संख्या में शिवभक्त गंगाजल लाने के लिए हरिद्वार, गंगोत्री और गौमुख जैसे पवित्र स्थलों की ओर पैदल यात्रा करते हैं। कांवड़ यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है बल्कि सुरक्षा और प्रशासनिक दृष्टि से एक बड़ी चुनौती भी बन चुकी है।

इस बार यात्रा 6 जुलाई से 21 जुलाई 2025 तक प्रस्तावित है। चूंकि यह यात्रा अलग-अलग राज्यों से होकर गुजरती है, ऐसे में आपसी समन्वय बेहद जरूरी हो जाता है।

News : क्या-क्या हुआ इंटरस्टेट बैठक में?

बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने की। बैठक में उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से आए अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष चर्चा हुई:

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  • यात्रा मार्गों की मॉनिटरिंग: सभी राज्यों ने कांवड़ मार्गों की मैपिंग और निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया।
  • ट्रैफिक प्लानिंग: भारी वाहनों का रूट डायवर्जन, इमरजेंसी सेवाओं के लिए ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था पर चर्चा हुई।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: हर 2-3 किलोमीटर पर चिकित्सा कैंप लगाने की योजना तैयार की गई है।
  • सुरक्षा व्यवस्था: सीसीटीवी निगरानी, महिला सुरक्षा दस्तों की तैनाती और एन्टी-टेरर स्क्वॉड की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है।
  • स्वच्छता और पानी: सफाई व्यवस्था के साथ-साथ शुद्ध पेयजल की उपलब्धता पर जोर दिया गया।

बैठक में यह भी तय किया गया कि अफवाह फैलाने वालों और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए साइबर सेल की विशेष टीम तैनात की जाएगी।

News : यूपी-उत्तराखंड का खास फोकस

कांवड़ यात्रा का सबसे अधिक भार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर होता है। हरिद्वार, ऋषिकेश और देवप्रयाग जैसे तीर्थस्थलों से निकलने वाले श्रद्धालु मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर जैसे जिलों से होकर गुजरते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सभी ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया है कि यात्रा मार्गों की समय से मरम्मत कराई जाए और ट्रैफिक पुलिस को 24×7 अलर्ट मोड में रखा जाए।

इस बार महिला कांवड़ियों की संख्या में संभावित वृद्धि को देखते हुए महिला सुरक्षा बलों की अलग तैनाती की जाएगी। महिला हेल्प डेस्क, राउंड द क्लॉक महिला पेट्रोलिंग और सीसीटीवी निगरानी के जरिए महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है।

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News : स्थानीय प्रशासन को निर्देश

हर राज्य के प्रतिनिधियों को कहा गया कि वे अपने स्थानीय निकायों के माध्यम से:

  • अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था करें
  • भंडारों और रैन बसेरों की व्यवस्था करें
  • हाइवे पर विशेष सफाई अभियान चलाएं
  • असामाजिक तत्वों पर नजर रखें

कांवड़ यात्रा 2025 को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए सरकारें पूरी तैयारी कर रही हैं। यह इंटरस्टेट बैठक इस बात का संकेत है कि इस बार सुरक्षा, सुविधा और सेवा – तीनों क्षेत्रों में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि श्रद्धालुओं की आस्था को कोई ठेस न पहुंचे, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

आने वाले दिनों में ज़िलावार समीक्षा बैठकें भी होंगी, जिनमें ज़मीनी स्तर की तैयारियों की निगरानी की जाएगी। साथ ही, आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और यात्रा के दौरान किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।

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