UP : जल्द पूर्ण हों आयुष विश्वविद्यालय के सभी कार्य, सीएम योगी ने दिए निर्देश!

UP : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अफसरशाही को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि आयुष विश्वविद्यालय से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा में हर हाल में पूरा किया जाए। सीएम योगी ने यह निर्देश लखनऊ में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दिए, जहां आयुष शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अवस्थापना विकास से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की गई।

सीएम योगी ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय को केवल एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली – आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और योग – के प्रचार-प्रसार का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को आयुष चिकित्सा का हब बनाना है, और इसके लिए विश्वविद्यालय की भूमिका बेहद अहम है।

UP : कठोर समयसीमा तय, लापरवाही पर कार्रवाई तय

बैठक में मौजूद लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि कार्यों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी अधिकारी या विभाग ने देरी की तो व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी और कार्रवाई भी निश्चित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “अब कोई बहाना नहीं चलेगा। आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण, संकाय नियुक्ति, पाठ्यक्रम विकास और तकनीकी ढांचे को समय पर पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।”

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UP : इन कार्यों की हुई समीक्षा

समीक्षा बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की गई:

  • विश्वविद्यालय भवनों का निर्माण कार्य और उसकी प्रगति
  • आवश्यक उपकरणों और प्रयोगशालाओं की स्थापना
  • योग्य फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया
  • छात्रों के लिए छात्रावास, पुस्तकालय, कैंटीन और अन्य सुविधाएं
  • पाठ्यक्रमों का अंतिम प्रारूप और NMC (नेशनल मेडिकल काउंसिल) तथा अन्य नियामक संस्थाओं से मंजूरी
  • ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और रिसर्च लैब्स की स्थापना

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि वे जल्द ही स्वयं विश्वविद्यालय की साइट पर जाकर कार्यों की स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा, “मैं ज़मीनी हकीकत जानने के लिए निरीक्षण करूंगा। सिर्फ कागजों में काम नहीं चलेगा, अब धरातल पर कार्य दिखना चाहिए।”

UP : छात्रों को मिलेगा बेहतर भविष्य

सीएम योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय से पढ़कर निकलने वाले छात्रों को रोजगार और रिसर्च के बेहतर अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य सिर्फ डिग्री देना नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी आयुष प्रोफेशनल्स तैयार करना है।”

सीएम ने कहा कि जब आयुष विश्वविद्यालय पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएगा, तो यह न केवल प्रदेश बल्कि देशभर के छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का समन्वय होगा, जिससे मरीजों को बहुआयामी इलाज की सुविधा मिलेगी।

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UP : जनस्वास्थ्य से जुड़े आयुष मॉडल पर फोकस

बैठक में सीएम ने यह भी कहा कि आयुष चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इसके तहत गांव-गांव में आयुष चिकित्सा पद्धति से उपचार की जानकारी दी जाएगी और स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती और विजन स्पष्ट है – राज्य में पारंपरिक चिकित्सा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना और आयुष विश्वविद्यालय को उसका आधार बनाना। अब देखना होगा कि अधिकारी उनकी अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं और उत्तर प्रदेश आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा पाता है या नहीं।

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