UP में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी पर योगा सरकार का सख्त रुख, पढ़ें!

UP : उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारियों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। यह हड़ताल 42 जिलों में बिजली वितरण के निजीकरण के विरोध में प्रस्तावित है। कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण से उनकी नौकरी और भत्तों पर खतरा मंडरा रहा है। इसके खिलाफ वह बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं।

UP : प्रमोशन रोकने की चेतावनी

योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपना लिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि और अन्य लाभ रोके जा सकते हैं। साथ ही, हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करते हुए प्रशासन ने सभी जिलों को सतर्क कर दिया है।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि किसी भी हाल में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। इसके लिए निजी एजेंसियों और वैकल्पिक संसाधनों से सप्लाई जारी रखने की योजना बनाई गई है।

UP : कर्मचारी संगठनों का ऐलान—“लड़ाई लंबी चलेगी”

बिजली कर्मचारी यूनियन ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार निजीकरण की प्रक्रिया को नहीं रोकती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका आरोप है कि सरकार और पावर कॉर्पोरेशन दोनों मिलकर कर्मचारियों के अधिकारों को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। यूनियन नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ हड़ताल नहीं बल्कि अधिकारों की लड़ाई है।

UP : गर्मी में बिजली संकट की आशंका

इस हड़ताल की आशंका से आम जनता में तनाव बढ़ गया है। भीषण गर्मी के मौसम में बिजली की निर्बाध आपूर्ति पहले से ही चुनौती बनी हुई है। अगर कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं तो प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है, जिससे सामान्य जनजीवन पर बुरा असर पड़ेगा।

राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि कोई भी कर्मचारी कार्य बहिष्कार, धरना या प्रदर्शन नहीं करेगा। यदि ऐसा पाया गया, तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय व कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, अन्य कर्मचारियों को प्रभावित करने की भी इजाज़त नहीं दी जाएगी।

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