UP : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में मानसून के आने से पहले विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जहां भी ढिलाई पाई गई, वहां संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में आए तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राहत एवं पुनर्वास कार्यों को तत्काल गति दी जाए। जनहानि या पशुहानि की स्थिति में मुआवजा वितरण में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, किसानों की क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कर उन्हें समयबद्ध सहायता देने के आदेश दिए।
UP : बाढ़ और जलजमाव से निपटने की ठोस रणनीति
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नालों की सफाई, जलनिकासी व्यवस्था और बाढ़ सुरक्षा के इंतजामों को प्राथमिकता पर पूरा करें। उन्होंने नगर निगमों और ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया कि संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष इंतजाम किए जाएं ताकि बारिश के दौरान जनजीवन प्रभावित न हो।
लखनऊ, सीतापुर, बलिया, प्रतापगढ़ और अंबेडकरनगर जिलों में कार्य में ढिलाई बरतने पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। सीएम ने यह स्पष्ट किया कि यदि उत्तर संतोषजनक नहीं मिला, तो निलंबन या अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय इन जवाबों की सीधे निगरानी कर रहा है।
UP : योगी सरकार की प्राथमिकता: जनहित सर्वोपरि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की सुरक्षा और भलाई है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि राज्य में किसी भी विकास परियोजना या आपदा राहत कार्य में लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासनिक अमले को समय रहते सजग रहकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मानसून के दौरान जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
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