उत्तराखंडः पत्रकारों के कल्याण के लिए 50 लाख की घोषणा
- भोले महाराज और माता मंगला ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में महिला कक्ष के लिए की पांच लाख की घोषणा
- महिला कक्ष का किया भूमि पूजन व शिलान्यास
- पत्रकारों व उनके परिजनों को गंभीर बीमारी पर इलाज में मदद करेगा हंस फाउंडेशन
देहरादून
सामाजिक संस्था हंस कल्चरल सेंटर एवं द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत भोले महाराज एवं माता मंगला ने पत्रकारों के कल्याण के लिए 50 लाख रूपये के कल्याण कोष व महिला पत्रकारों के लिए क्लब में महिला कक्ष निर्माण के लिए पांच लाख रुपये की घोषणा की। उन्होंने कक्ष निर्माण की शुरुआत के लिए ढाई लाख रूपये का चेक भी प्रेस क्लब अध्यक्ष नवीन थलेडी को भेंट किया।
रविवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले महाराज और माता मंगला ने पत्रकारों व उनके परिजनों के गंभीर बीमारी में मदद करने की बात कही। उन्होंने कहा कि संस्था का एकमात्र उद्देश्य मानव सेवा करना है इसके लिए वह प्रयासरत हैं। माता मंगला ने कहा कि पत्रकारिता राष्ट्रीयता व मूल्यों के आधार पर होनी चाहिए। पत्रकारों की भूमिका सार्थक दिशा में हो। चुनौतियां बहुत हैं, पर उन्हीं चुनौतियों में से रास्ते भी निकलते हैं। पत्रकारिता सनसनी पैदा करने वाला उपकरण नही बनना चाहिए। पत्रकारों को विचार कर अध्यात्म, संस्कृति व मिट्टी का स्थान कैसे बढ़े, इस पर सोचकर लिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक प्रकार का धर्म है। सकारात्मक पत्रकारिता वही होती है जो मूल्यों के आधार पर चलती है।
इससे पूर्व उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष नवीन थलेड़ी ने भोले महाराज को स्मृति चिन्ह भेंट किया। माता मंगला को प्रेस क्लब महामंत्री भूपेंद्र कंडारी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष एलएम जखवाल ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट को वरिष्ठ पत्रकार डीएस कुंवर ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रेस क्लब कार्यकारिणी ने शॉल ओढाकर उनका सम्मान किया। संचालन प्रेस क्लब कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अनूप गैरोला ने किया।
कार्यक्रम में प्रेस क्लब महामंत्री भूपेंद्र कंडारी ने संस्था के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हंस फाउंडेशन का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों को सचल चिकित्सा सेवाओं से जोड़ना है। पेंशन के चेक वितरित करना, ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना आदि सेवाओं की ओर हंस फाउंडशेन तेजी से कार्य कर रहा है। इसी सेवा भाव के तहत उत्तराखंड में हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में जगह-जगह आयोजित कार्यक्रम में जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता वितरित की जा रही है।
फाउंडेशन कुष्ठ रोगी, विधवा, विकलांग व निराश्रित पेंशन वितरित कर रहा है। सतपुली में मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल कार्य कर रहा है। हरिद्वार में नेत्र चिकित्सालय व मेडिकल कॉलेज के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के लिए फाउंडेशन ने सचल स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की हैं। निराश्रित कन्या के विवाह के लिए हंस फाउंडेशन सहयोग राशि प्रदान कर रहा है। संस्था के सात सचल चिकित्सा वाहन गांव-गांव जाकर मरीजों को चिकित्सा सेवा मुहैया करा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी संस्था काम कर रही है। कई विद्यालयों को संस्था ने गोद लिया है। इसके अलावा मेधावी छात्रों को ट्यूशन, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि भी संस्था उपलब्ध कराती है। कार्यक्रम में प्रेस क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एलएम जखवाल, कनिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश बर्त्वाल, संयुक्त मंत्री प्रवीन बहुगुणा, कोषाध्यक्ष प्रदीप गुलेरिया, संप्रेक्षक रश्मि खत्री, कार्यकारिणी सदस्य अनूप गैरोला, मंगेश कुमार, गीता मिश्रा, वीरेंद्र दत्त गैरोला, देवेन्द्र नेगी, हरीश जोशी ने हंस फाउंडेशन के पदाधिकारियों चंदन सिंह भंडारी, सत्य पाल नेगी, पंडित मुन्ना लाल नौटियाल, प्रदीप राणा, दिनेश कंडारी, लक्ष्मण भाई पटेल आदि को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
ग्यारह दिव्यांगों को पेंशन व उपकरण दिए
भोले महाराज व माता मंगला ने दिव्यांग राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालीं निर्मला मेहता को स्पोट् र्स व्हील चियर, नेत्रहीन निर्मल को ढोलक, नेत्रहीन मुकेश को सिंथसाईजर (कीबोर्ड), विकलांग सत्यप्रकाश को जम्पिंग गद्दा, दिव्यांग विजय बिष्ट को ओक्टोपैड, सुशील बगोली को हारमोनियम, कमांडर सुरेंद्र लाल के परिवार के लिए वस्त्र, प्रवीन नेगी, सुधीर ग्वाडी, अंजिता नेगी, अंजलि को पेंशन और वस्त्र प्रदान किए।
उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनेगा : बिष्ट
योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने कहा कि योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनेगा। योगी बचपन से ही प्रतिभाशाली थे और कहते थे कि लोगों की सेवा करनी है। इसलिए वह योगी बन गए। मुझे जब पता चला कि वह सीएम बनेंगे तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। वह अपने पथ पर सही चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों में ही सुलझे हुए मुख्यमंत्री हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश का अनुसरण कर राज्य के विकास का काम करें और दोनों राज्यों के बीच जो परिसंपत्तियों का मामला भी जल्द सुलटा दें।
