Morbi Accident : 43 साल पहले भी मोरबी में मची थी भीषण तबाही, 1400 लोगों की हुई थी मौत | Nation One
Morbi Accident : रविवार को गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बना एक सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। घटना के समय ब्रिज पर करीब 400 लोग मौजूद थे, जो मच्छु नदी में जा गिरे।
इस दर्दनाक हादसे में करीब 140 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना अभी तक मिल रही है। 70 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। मौतों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
इस दर्दनाक हादसे ने मोरबी और गुजरात के लोगों की फिर से एक भयानक हादसे की याद दिला दी है। आज से ठीक 43 साल पहले भी मोरबी में मच्छ नदी के डैम के टूटने से ऐसा ही भीषण हादसा हुआ था। आइए जानते हैं कि किस तरह 1979 में भी पूरा मोरबी शहर श्मशान में तब्दील हो गया था।
Morbi Accident : बारिश और बाढ़ से डैम हो गया था ओवरफ्लो
साल 1979 में लगातार बारिश और स्थानीय नदियों में आई बाढ़ की वजह से मच्छु डैम ओवरफ्लो हो गया था। इससे पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल था।
इसी दौरान 11 अगस्त 1979 को दोपहर में करीब तीन बजे डैम अचानक टूट गया। डैम के पानी ने 15 मिनट में ही __पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया।
पानी के तेज बहाव से मकान और इमारतें गिर गईं, जिससे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। कुछ ही समय में पूरे शहर में पानी भर गया।
Morbi Accident : चारों तरफ लाशें ही लाशें
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबक इस हादसे में 12,849 हजार पशुओं और 1439 लोगों की मौत हो गई थी। बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोगों ने दर्दनाक मंजर देखा।
इंसानों और जानवरों की खंभों पर लटकी हुई थीं। हादसे से पूरा शहर मलबे में तब्दील हो गया था। चारों तरफ सिर्फ लाशें ही लाशें नजर आ रही थीं।
इस हादसे से मोरबी सहित पूरा गुजरात शोक में डूब गया था। हादसे के कुछ ही दिन बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गांधी ने खुद मोरबी का दौरा किया था। इंसानों और पशुओं की लाशें तब तक सड़ चुकी थीं।
लाशों की दुर्गंध इतनी ज्यादा थी कि इंदिरा गांधी को अपनी नाक रुमाल से ढकनी पड़ी थी। राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोग और मोरबी का दौरा करने वाले लोग भी उस समय बीमारी का शिकार हो गए थे।
Morbi Accident : चुनावी रैली में मोदी ने साधा था इंदिरा गांधी पर निशाना
आज से करीब पांच साल पहले मोरबी में चुनावी रैली में 1979 में हुए हादसे को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था।
रैली को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा था कि मच्छु बांध त्रासदी के बाद मोरबी का दौरा करने आई राहुल गांधी की दादी इंदिरा बेन मुंह पर रूमाल डालकर गंदगी और दुर्गंध से बच रही थीं। जबकि उसी समय संघ के कार्यकर्ता गंदगी और कीचड़ में घुस कर सेवाभाव के साथ काम कर रहे थे।
गुजराती मैगजीन चित्रलेखा ने तब इंदिरा गांधी की तस्वीर के साथ राजकीय गंदगी और संघ के कार्यकर्ताओं की तस्वीर के साथ मानवता की महक शीर्षक भी लगाया था।