सौर मंडल का सबसे पुराना ग्रह है बृहस्पति
वाशिंगटन
हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति सबसे पुराना भी है। इसका खुलासा एक नए अध्ययन में किया गया है। हालांकि इसके निर्माण के सटीक आंकड़े अब तक सामने नहीं आए हैं।
अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की उत्पत्ति के महज 40 लाख साल के भीतर ही इस गैस जियांट ग्रह यानि बृहस्पति की उत्पत्ति हो गई थी। बृहस्पति की उत्पत्ति के बारे में मिली जानकारी से सौर मंडल की संरचना को समझा जा सकता है कि इसका जो वर्तमान स्वरूप है, इसका निर्माण कैसे हुआ होगा। हालांकि कई मॉडलों से यह अनुमान लगाया है कि इस ग्रह की उत्पत्ति अपेक्षाकृत जल्दी ही हो गई थी। लेकिन, अब तक इसके निर्माण के सटीक समय का पता नहीं चल पाया है।
अमेरिका स्थित लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लैबोरेटरी (एलएलएनएल) के शोधकर्ता थॉमस क्रुइजर ने कहा के हमारे पास बृहस्पति ग्रह का कोई वास्तविक नमूना नहीं है।
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की रिपोर्ट में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक क्रुइजर का कहना है कि हमारे अध्ययन में बृहस्पति ग्रह की उम्र का पता लगाने के लिए हम उल्कापिंडों के आइसोटॉप संकेत का इस्तेमाल करते है। सोलर नेबुला गैस के बनने से पहले ही इसके ठोस कोर का निर्माण हो गया था और कोर संवर्धन मॉडल के अनुरूप इस जियांट ग्रह की रचना हुई। क्रुइजर ने बताया कि अध्ययन यह दिखाता है कि उत्पत्ति संबंधी अलग संकेतों और उल्कापिंडों के उत्पत्ति काल के माध्यम से बृहस्पति ग्रह के निर्माण का समय पता किया जा सकता है।