रैबार: पर्यटन बढाने पर फोकस रहा पहला सत्र
देहरादून। मुख्यमंत्री आवास के जनता मिलन हॉल में रविवार को आयोजित ‘रैबार’ कार्यक्रम के प्रथम विशेष सत्र ‘उत्तराखंड के दो अनमोल रत्न-पर्यटन और पर्यावरण’ के शुभारंभ अवसर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने उत्तराखंड में पर्यटन व पर्यावरण के क्षेत्र में सम्भावनाएं, चुनौतियां व रणनीतियां पर प्रस्तुतिकरण दिया। जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटन को स्थानीय आर्थिकी से जोड़ने, 13 जिले-13 नये पर्यटन स्थल, केदारनाथ व मसूरी रोपवे निर्माण, स्थानीय उत्पादों व पर्यटक स्थलों की मार्केटिंग व ब्राण्डिंग आदि पर विशेष फोकस किया जा रहा है। हमे मुख्यतः दो रणनीतियों पर कार्य करना है, प्रथम पलायन को रोकने में पर्यटन किस प्रकार सहायता कर सकता है तथा इकोलोजी को इकॉनोमी से किस प्रकार जोड़ा जा सकता है।
पर्यावरणविद् अनिल जोशी ने कहा कि सरकार को गांव के विकास व उत्तराखंड की ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देना होगा। हमें मात्र जीडीपी पर ही ध्यान नहीं देना होगा बल्कि पर्यावरण सरंक्षण पर भी ध्यान देना होगा। हमें अपने ग्रोथ इंडिकेटर्स बदलने की आवश्यकता है। पर्यावरण व पर्यटन में संतुलन बनाने की भी जरूरत है। यूकोस्ट के डायरेक्टर जनरल डॉ राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि हमें सस्टेनेबल टूरिज्म पर ध्यान देना होगा। उत्तराखंड की पर्यावरणीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इसे हर्बल स्टेट के रूप विकसित किया जाना चाहिए। ओएनजीसी के निदेशक (मानव संसाधन) डीडी मिश्रा ने कहा कि हर वर्ष प्रवासी दिवस आयोजित किया जाना चाहिए ताकि प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा राज्य के विकास में सहयोग पर विचार मंथन किया जा सके। स्क्रिप्ट राइटर अद्वैता काला ने कहा कि राज्य सरकार से अपेक्षा है कि राज्य में फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म पॉलिसी में सुधार किये जाएं तथा शूटिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं का विकास किया जाये।
डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि राज्य की अच्छी ब्रांडिंग व हॉस्पिटीलिटी सेवाओं के विकास के साथ ही सड़कों, हेलीपैड व हवाई सेवाओं में भी सुधार किया जाना चाहिए। हमें स्वरोजगार पर विशेष ध्यान देना होगा। आईएफएस आलोक अमिताभ डिमरी ने कहा कि इनोवेटिव पहलों पर ध्यान देना होगा। सीमांत गांवों के विकास व वहां पर जनसंख्या बनाये रखने पर विशेष ध्यान देना होगा।
वन मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि हमें पलायन रोकने के लिए अपने गांवों को बसाने व कृषि प्रोत्साहन पर ध्यान देना होगा। राज्य में धार्मिक पर्यटन कि अलावा भी अपार संभावनाएं हैं। राज्य के विकास के लिए हम सब को मिलजुलकर प्रयास करने होंगे।