राज्यपाल का उत्तराखंड में फिल्म निर्माण के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर बल
देहरादून। राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने कहा कि फिल्में, समाज का दर्पण होती हैं। शॉर्ट फिल्मों के जरिये क्रिएटिविटी को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही नए टेलेंट को भी मौका मिल रहा है। उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करते हुए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। राज्यपाल देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा फिल्में समाज का दर्पण होती हैं। फिल्मों की विषयवस्तु समसामयिक समाज को ही प्रदर्शित करती हैं। आजादी के समय व उसके बाद भारत में विभिन्न कारणों से समाजवाद को प्रचारित करने वाली फिल्में बड़ी संख्या में बनीं। उस समय फिल्में लम्बी होती थीं और उनमें सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता दी जाती थी। अब नई तकनीक व कम्प्यूटर के बढ़ते प्रयोग के साथ फिल्मों में भी परिवर्तन स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है। फिल्मों की अवधि कम होती जा रही है। शॉर्ट फिल्में, सिनेमा जगत में अपना प्रमुख स्थान बनाती जा रही हैं। शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से क्रियेटीवीटी को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही नए टेलेंट को भी मौका मिल रहा है। शॉर्ट फिल्मों से उत्तराखण्ड के वाईल्ड लाईफ, आकर्षक प्राकृतिक स्थलों व पर्यावरण को प्रचारित करने के साथ ही स्थानीय युवाओं की प्रतिभा को भी प्रोमोट किया सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड को ईश्वर ने अद्वितीय प्राकृतिक सुन्दरता से नवाजा है। यहां के सुरम्य स्थान फिल्म निर्माण के लिए एक सौगात हो सकते हैं। फिल्म निर्माता, अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए स्विट्जरलैंड आदि देशों में जाते हैं, जहां उनका बहुत अधिक खर्चा भी होता है। उत्तराखंड में ऐसी लोकेशन बहुत हैं। फिल्मों की शूटिंग के लिए उत्तराखण्ड बहुत ही सही जगह है। राज्य सरकार ने फिल्म पॉलिसी बनाई है परंतु उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करते हुए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी।