देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल देर से ही सही फिर से एका की राह चल पडा है। यूकेडी के मजबूत पिलर रविवार को साथ नजर आए। पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान यूकेडी (डी) के पार्टी में विलय से उक्रांद के वरिष्ठ नेताओं में जोश देखने को मिला। यूकेडी (डी) के केंद्रीय अध्यक्ष एडवोकेट दीपक गैरोला ने अपने साथियों के साथ यूकेडी की मुख्यधारा में फिर से लौटने का ऐलान किया। वरिष्ठ नेताओं ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। सभी वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करने की बात कही।
केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सरकार किसानों का कर्जा माफ करे और शराब बंदी के लिए आंदोलन कर रही महिलाओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए। वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा कि सरकार पलायन रोकने के लिए ठोस नीति बनाए। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में डेरी उद्योग को बढावा दिया जाए। बता दें राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला यूकेडी उत्तराखंड राज्य निर्माण के 17 साल पूरे होने तक काफी बिखर गया। अब देखना होगा कि यूकेडी पिछली गलतियों कितना सबक लेता है। प्रेसवार्ता में वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र पंवार, जयप्रकाश उपाध्याय, किशन सिंह रावत, हरीश पाठक, संजय क्षेत्री, वाहिद खान, जयदीप भट्ट, लताफत हुसैन, फुरकान अहमद आदि थे।
यूकेडी की मुख्यधारा में हुए शामिल
यूकेडी (डी) के केंद्रीय अध्यक्ष एडवोकेट दीपक गैरोला के साथ प्रमिला रावत, सुलोचना बहुगुणा, रेनू सकलानी, नीरज लखेडा, कपिल रावत, शिवानी तोमर, माहाब पंवार, मुकेश रावत आदि का यूकेडी की मुख्य धारा में फिर से लौटने पर स्वागत किया गया।