डीजी हेल्थ बोलीं, खसरा-रूबेला का टीका सुरक्षित

देहरादून। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की समीक्षा की और उन्होंने कहा कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि अब तक साढे पांच लाख बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। कुमाऊं के अल्मोडा, पिथौरागढ, चंपावत, बागेश्वर और गढवाल मंडल के रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में टीकाकरण की प्रगति काफी बेहतर है। यहां प्रतिदिन के लक्ष्य के अनुसार करीब 90 फीसदी से अधिक बच्चों का टीकाकरण हो रहा है। अन्य जिलों का प्रतिशत करीब 80 फीसदी है। उन्होंने कहा कि देहरादून जनपद में सबसे धीमी गति से टीकाकरण हो रहा है।
डीजी हेल्थ ने बताया कि टीकाकरण अभियान 30 अक्तूबर से शुरू हुआ। अभियान एक माह चलेगा। नौ माह से 15 साल तक के लगभग 29 लाख बच्चों को टीका लगाया जाएगा। पहले दो सप्ताह टीका सरकारी एवं निजी स्कूलों, मदरसों और शिशु सदन में लगाया जा रहा है। इसके बाद दूरस्थ क्षेत्रों में लगाया जाएगा।
डीजी हेल्थ ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों में टीकाकरण के बाद बच्चों के अस्वस्थ होने और अस्पतालों में भर्ती कराने की खबरें मिली हैं। उन्होंने कहाकि इससे अभिभावकों एवं बच्चों को घबराने की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि खसरा-रूबेला टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से बच्चों में डर या घबराहट होना स्वाभाविक है। उन्होंने जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को टीकाकरण से पहले बच्चों की काउसिंलिंग कराने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहाकि सभी टीकाकरण स्थलों पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को ही तैनात किया जाए। इस दौरान उत्तराखंड में खसरा, रूबेला टीकाकरण अभियान की समीक्षा मिशन निदेशक एनएचएम चन्द्रेश कुमार ने कहा कि देशभर के तमाम राज्यों में करीब छह करोड बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। चिकित्सकों के अनुसार यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। बच्चों में टीकाकरण का डर और मनोवैज्ञानिक दवाब के कारण ही अस्वस्थता की स्थिति देखी जा सकती है लेकिन यह स्थिति सभी बच्चों में नहीं होती है।

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