किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधार से जुडेंगेः सीएम
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की अधिकांश जनता आज भी कृषि पर निर्भर है। सरकार किसानों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहाकि इसके लिए किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड को आधार से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि डी.बी.टी. के माध्यम से उर्वरक पर सब्सिडी सीधे कृषकों के खाते में ट्रांसफर की जायेगी। इसके लिए सबका आधार कार्ड बनना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को रिंग रोड स्थित किसान भवन में उर्वरकों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी) प्रणाली का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों को डी.बी.टी के माध्यम से उर्वरक सब्सिडी की शुरूआत की। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उर्वरक डीलरों को पी.ओ.एस मशीन का वितरण भी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड उन पांच राज्यों में शामिल है जहां पर आज डी.बी.टी प्रणाली का शुभारम्भ किया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक किसान का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनकर आधार से जुड़ जायेगा तो 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों में सहायक सिद्ध होगा। राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त कृषकों को एक लाख रूपये तक का ऋण 2 प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 2022 तक नये भारत के सपने को साकार करने एवं देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान जरूरी है। इस अवसर पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा, कृषि निदेशक गौरी शंकर उपस्थित थे।
पौने पांच लाख किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बन चुके: पांडियन
सचिव कृषि डी. सेंथिल पांडियन ने जानकारी दी कि प्रदेश में 4 लाख 80 हजार किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बन चुके हैं। 70 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्डों को आधार से लिंक किया जा चुका है। मार्च 2018 तक सभी को आधार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संकल्प से सिद्धि के तहत डी.बी.टी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।