चुनाव चिन्ह के रूप में निर्दलीय प्रत्याशी गोपाल मणि को मिला रणसिंघा
टिहरी: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद जहां उत्तराखंड में भाजपा कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल चुनावी प्रचार-प्रसार में पूरी तरह से जुट गए हैं तो वही निर्दलीय प्रत्याशी भी प्रचार-प्रसार करने के लिए चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं। टिहरी लोकसभा सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन भरने वाले जाने माने गौ कथावाचक गोपाल मणि ने भी अब राजनीति का आगाज कर लिया है। जिसके बाद अब गोपाल मणि ने भी चुनावी प्रचार-प्रसार को लेकर एड़ी चोट का जोर लगाना शुरू कर दिया है। बता दें कि टिहरी संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी गौ कथावाचक गोपाल मणि को रणसिंघा के रूप में चुनाव चिन्ह मिल चुका है। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद अब गोपाल मणि ने भी चुनावी प्रचार-प्रसार की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
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इस अवसर पर गोपाल मणि ने कहा कि गौ को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलान के लिए वह संसद जाना चाहते हैंं। उन्होने आगे कहा कि गौ पशु ही नहीं बल्कि हमारी माता भी है। गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और गौ की रक्षा करने के लिए उन्हें राजनीति में कूदना पड़ा। साथ ही उन्होने यह भी बताया कि गौ को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए 676 जिलों में जाकर जनजागरूकता अभियान चलाया था, इसी के साथ गंगोत्री से दिल्ली तक पैदल यात्रा भी की थी।
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इसके बाद भी कहीं कोई सुनवाई नही होने पर गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा मिले इसके लिए दल-दल के दलदल में फंसी हुई गाय को निकालने के लिए दलदल में निर्दल होकर सत्ता, संपत्ति और सम्मान की भूख ना रखकर गौ प्रतिष्ठा के लिए चुनाव में उतरने की आवश्यकता आन पड़ी है। इस दौरान उन्होने जनता से वोट की अपील करत हुए कहा कि गौ रक्षा के लिए इस बार अपना मत देकर टिहरी सीट से संसद के रूप में लोकसभा भेेंजे,ताकि वह गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिला सके।