बतौर निर्दलीय प्रत्याशी राजनीतिक अखाड़े में उतरे गोपाल मणि, गाय को मिलेगा राष्ट्रमाता का दर्जा
टिहरी: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद उत्तराखंड में अब सभी राजनैतिक पार्टियां चुनावी अखाड़े में उतर गई हैं। इसी कड़ी में निर्दलीय प्रत्याशी भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गए हैं। इसी के साथ टिहरी संसदीय सीट से जाने माने गौकथावाचक गोपाल मणि भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं। गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए वर्षों से प्रयास कर रहे संत गोपाल मणि ने राजनीति में आगाज़ कर दिया है। कथावाचक गोपाल मणि मूल रूप से उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ के रहने वाले हैं।
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बता दें कि गोपाल मणि लंबे समय से गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत रहे हैं। इसके लिए उन्होने गंगोत्री से दिल्ली तक हजारों लोगों के साथ मिलकर पैदल यात्रा की और देश के 29 राज्यो की राजधानियों में गोवर्धन जन-जागरण रैलियां भी की। इसके बाद भी कहीं कोई सुनवाई नही होने पर गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा मिले इसके लिए दल-दल के दलदल में फंसी हुई गाय को निकालने के लिए दलदल में निर्दल होकर सत्ता, संपत्ति और सम्मान की भूख ना रखकर गौ प्रतिष्ठा के लिए चुनाव में उतरने की आवश्यकता आन पड़ी है। जिसके बाद अब वह गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के लिए टिहरी संसदीय सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में उतरे हैं।