
नहीं रहे ‘वृक्ष मानव’ विश्वेश्वर दत्त सकलानी, 98 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
टिहरी: उत्तराखंड में वृक्षमानव के नाम से मशहूर विश्वेश्वर द्त्त सकलानी का आज निधन हो गया है। बता दें कि उन्होनें टिहरी जिले के सकलाना पट्टी के पुजार गांव में दम तोड़ा। उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है। वही विश्वेश्वर द्त्त सकलानी के बेटे संतोष सकलानी ने बताया कि सुबह जब वह अपने पिता को चाय देने गए तो वह उठे नहीं। रात को उन्होंने खाना खाया था और सो गए थे। उन्होने कहा कि अभी उनके तीन भाई और गांव आएंगे। उसके बाद ही अंतिम संस्कार के किया जाएगा।
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बता दें कि सकलानी का जन्म दो जून 1922 को हुआ था। बचपन से विश्वेश्वर दत्त को पेड़ लगाने का शौक था, लेकिन 11 जनवरी 1956 को जब उनकी पत्नी शारदा देवी का देहांत हुवा तो उन्होंने पौधरोपण को अपना लक्ष्य बना लिया। उस समय सकलाना का क्षेत्र वृक्षविहीन था। धीरे-धीरे उन्होंने बांज, बुरांश और देवदार के पौधे लगाने शुरू किए। करीब 1000 हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्रफल में उन्होंने जंगल तैयार किया। एक अनुमान के मुताबिक विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने करीब 50 लाख से ज्यादा पेड़ अपने जीवन में लगाए।